उत्तराखंड टिहरी गढ़वालDm mangesh ghildiyal ask question

टिहरी गढ़वाल: अफसर की लापरवाही पर भड़के डीएम मंगेश घिल्डियाल..मांगा जवाब

टिहरी डीएम ने बिना परमिशन कार्यस्थल छोड़ने के मामले में जिला पंचायत अधिकारी को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने इस संबंध में अधिकारी से 24 घंटों के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा है..आगे पढ़िए पूरी खबर

Tehri Garhwal News: Dm mangesh ghildiyal ask question
Image: Dm mangesh ghildiyal ask question (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: नई टिहरी के नए डीएम मंगेश घिल्डियाल की गिनती सूबे के ईमानदार अफसरों में होती है। वो ना तो भ्रष्टाचारियों को बख्शते हैं और ना ही लापरवाहों को। उनके बारे में जो सुना था, वो हाल ही में देख भी लिया। टिहरी डीएम ने बिना परमिशन के कार्यस्थल छोड़ने के मामले में जिला पंचायत अधिकारी को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने इस संबंध में अधिकारी से स्पष्टीकरण भी मांगा है। डीएम ने स्पष्टीकरण देने के लिए 24 घंटे का वक्त दिया है। जिला पंचायत अधिकारी इस बारे में 24 घंटों के भीतर जवाब ना दे सके तो उनके खिलाफ शासनस्तर पर कार्यवाही की जाएगी। चलिए अब आपको पूरा मामला बताते हैं। कोरोना को लेकर प्रदेश में किस तरह के हालात बने हैं, ये तो आप जानते ही हैं। उस पर मानसून ने भी दस्तक दे दी है। ऐसे मुश्किल वक्त में अपने क्षेत्र में ड्यूटी करने की बजाय पंचायत राज अधिकारी देहरादून निकल लिए। आगे जानिए कि अफसर के अचानक जिले से गायब होने का पता कैसे चला

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अधिकारी के जिले से गायब होने का पता कैसे चला, ये भी बताते हैं। दरअसल 21 जून को अपर सचिव पंचायती राज ने जिला पंचायती राज से संबंधित जरूरी सूचनाएं मांगी थीं। डीएम ने सूचनाओं के लिए जिला पंचायत राज अधिकारी को कॉल किया तो मोबाइल स्विच ऑफ आया। जिसके बाद स्टाफ के माध्यम से अधिकारी से संपर्क करने की कोशिशें की गईं, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। देर रात जिला पंचायत राज अधिकारी ने डीएम को फोन पर बताया कि वो देहरादून आ रखे हैं। जिस पर डीएम मंगेश घिल्डियाल ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि बिना परमिशन के कोरोना और मानसून काल में कार्यस्थल छोड़कर जाना घोर लापरवाही है। प्रशासन के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद अधिकारी ने अपना फोन स्विच ऑफ कर रखा था। डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला पंचायत राज अधिकारी से 24 घंटों के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा है। आपको बता दें कि जिस अधिकारी के पर लापरवाही के आरोप लगे हैं, उस पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान भी इसी तरह के आरोप लगे थे। तत्कालीन डीएम डॉ. वी. ष्णमुगम ने अधिकारी के खिलाफ शासन को पत्र भी भेजा था।