उत्तराखंड देहरादूनFake order of Dehradun RTO officer transfer viral

देहरादून में फर्जीवाड़ा..अफसर को पता भी नहीं, उसके ट्रांसफर का फर्जी आदेश वायरल

देहरादून के आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई को सोशल मीडिया के जरिए सूचना मिली कि उनका ट्रांसफर हो गया है। जांच में पूरा मामला फर्जी निकला...

Dehradun RTO fake transfer: Fake order of Dehradun RTO officer transfer viral
Image: Fake order of Dehradun RTO officer transfer viral (Source: Social Media)

देहरादून: सोशल मीडिया के अपने फायदे हैं तो नुकसान भी। इसके जरिए फर्जी खबरों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचते देर नहीं लगती। अब तक आपने सोशल मीडिया पर फर्जी भर्ती और दूसरे नोटिस वाली खबरें खूब देखी होंगी, लेकिन देहरादून में तो गजब ही हो गया। यहां किसी ने परिवहन सचिव के फर्जी हस्ताक्षर कर आरटीओ के तबादले का आदेश जारी कर दिया। सोशल मीडिया में फर्जी आदेश वायरल हुआ तो विभाग में हड़कंप मच गया। अब परिवहन सचिव ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। चलिए अब आपको पूरा मामला बताते हैं। देहरादून के आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई को सोशल मीडिया के जरिए सूचना मिली कि उनका ट्रांसफर हो गया है। सोशल मीडिया पर जो आदेश सर्कुलेट हो रहा था। उस पर उत्तराखंड परिवहन सचिव शैलेश बगौली के जाली हस्ताक्षर थे।

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मामले की सच्चाई जानने के लिए आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई सचिवालय पहुंचे। वहां उन्होंने तबादला आदेश की सच्चाई परिवहन सचिव तो बताई तो वो भी हैरान रह गए। क्योंकि उनकी तरफ से ऐसा कोई आदेश जारी किया ही नहीं किया गया था। उन्होंने साफ किया कि शासन स्तर से ऐसा कोई तबादला आदेश जारी नहीं हुआ है। साथ ही इस मामले में तत्काल एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए। उनके आदेश पर आरटीओ ने देहरादून कोतवाली में अज्ञात के खिलाफ तहरीर दे दी है। आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई ने बताया कि उन्हें सोशल मीडिया के जरिए तबादला आदेश की खबर लगी। आदेश में लिखा था कि परिवहन आयुक्त कार्यालय में उप आयुक्त पद पर तैनात सुधांशु गर्ग को देहरादून का नया आरटीओ बनाया गया है। आगे पढ़िए

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आदेश की ना तो भाषा में अंतर था और ना ही डिजाइन में। परिवहन सचिव के हस्ताक्षर भी एकदम मैच हो रहे थे। तबादला आदेश के बारे में उन्होंने परिवहन सचिव से बात की, तो पूरा मामला फर्जी निकला। तबादला आदेश देख आरटीओ ही नहीं परिवहन सचिव भी हैरान थे। उन्होंने साफ किया कि शासन स्तर पर ऐसा कोई तबादला नहीं किया गया है। आपको बता दें कि शासन स्तर पर फर्जी आदेश जारी होने का यह दूसरा मामला है। इससे पहले किसी ने अपर मुख्य सचिव (सामान्य प्रशासन) राधा रतूड़ी के हस्ताक्षर से ईगास की छुट्टी का शासनादेश जारी कर दिया था। इस मामले में भी एफआईआर दर्ज कराई गई थी। अब सचिव परिवहन के फर्जी हस्ताक्षर से आरटीओ के तबादले के मामले से हर कोई हैरान है। इस मामले में परिवहन सचिव ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं।