उत्तराखंड पिथौरागढ़Warning of heavy rains in three districts of uttarakhand

उत्तराखंड में 3 जिलों के लिए भारी होंगे अगले 24 घंटे, अत्यधिक बारिश का अलर्ट जारी

कुमाऊं क्षेत्र में सबसे ज्यादा बारिश बागेश्वर जिले में दर्ज की गई। जबकि गढ़वाल में सबसे ज्यादा बारिश रुद्रप्रयाग जिले में रिकॉर्ड की गई। अगले 24 घंटे कुमाऊं के 3 जिलों के लिए मुश्किलभरे रहेंगे...

Uttarakhand Rain: Warning of heavy rains in three districts of uttarakhand
Image: Warning of heavy rains in three districts of uttarakhand (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: मानसून के दस्तक देने के साथ ही उत्तराखंड में बारिश से तबाही की तस्वीरें सामने आने लगी हैं। गढ़वाल और कुमाऊं के जिलों में झमाझम बारिश का दौर जारी है। कुमाऊं में मानसून ज्यादा मेहरबान नजर आ रहा है, जबकि गढ़वाल में इसकी रफ्तार धीमी है। कुमाऊं के तीन जिलों में रहने वाले लोग अगले 24 घंटे संभल कर रहें। मौसम विज्ञान केंद्र ने तीन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। दूसरे क्षेत्रों में हल्की बारिश का दौर जारी रहेगा। बुधवार सुबह तक उत्तरकाशी, मसूरी और देहरादून के कई इलाकों में बारिश हुई। कई जगह बारिश का दौर थम गया है, लेकिन आसमान में बादल छाए हैं। वहीं कुमाऊं के ज्यादातर इलाकों में पूरी राहत बारिश होती रही। आगे जानिए कि अगले 24 घंटे किन तीन जिलोंम में भारी बारिश का अलर्ट है।

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चलिए अब आपको अगले 24 घंटों के पूर्वानुमान के बारे में बताते हैं। आज और कल कुमाऊं के पिथौरागढ़, नैनीताल और बागेश्वर में भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग नें इन तीनों जिलों के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। गढ़वाल के कुछ इलाकों में भी बारिश का दौर जारी रहेगा। प्रदेश में 23 जून से मानसून सक्रिय हो चुका है। इस बार मानसून ने दो दिन की देरी से दस्तक दी। बात करें बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों की, तो कुमाऊं का बागेश्वर टॉप पर है। बागेश्वर जिले में अब तक सर्वाधिक बारिश रिकॉर्ड की गई। यहां 119 मिमी बारिश हुई, दूसरे नंबर पर पिथौरागढ़ जिला है। जहां 108 मिमी बारिश हो चुकी है। गढ़वाल में सबसे ज्यादा बारिश रुद्रप्रयाग जिले में दर्ज की गई। यहां अब तक 82 मिमी बारिश हो चुकी है।पहाड़ में मौसम खराब होने की वजह से इन दिनों लगातार हादसे हो रहे हैं।

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पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी में सोमवार देर रात एक मकान ढह गया था। बेडूमहर क्षेत्र के दो मकानों पर भी ढहने का खतरा बना हुआ है। जिले में भूस्खलन के चलते चीन सीमा को जोड़ने वाले लिपुलेख मार्ग समेत कुल 18 सड़कें बंद हैं। लगातार हो रही बारिश के कारण रामगंगा, सरयू, काली, भुजगड़ और जाकुला नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। जिससे नदी किनारे रह रहे लोग सहमे हुए हैं। राजधानी देहरादून में ज्यादा बारिश नहीं हुई है, लेकिन नालियां ओवर फ्लो होने लगी हैं। दूसरे मैदानी जिलों में भी जलभराव की वजह से परेशानी हो रही है। बारिश और खराब मौसम के दौरान हादसे की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए राज्य समीक्षा आपसे अपील करता है कि गाड़ी चलाते वक्त विशेष रूप से सतर्क रहें। नदियों-गदेरों के पास जाने से बचें। यात्रा पर निकलने से पहले संबंधित क्षेत्र के मौसम और सड़कों के बारे में जानकारी जरूर हासिल कर लें।