उत्तराखंड टिहरी गढ़वालTwo active cases of coronavirus in Tehri district

DM मंगेश घिल्डियाल की मेहनत रंग लाई, टिहरी गढ़वाल से आई बड़ी खुशखबरी

नई टिहरी ने जिस तरह से कोरोना से जंग लड़ी वो पूरे देश के लिए मिसाल है। शासन ने भी डीएम मंगेश घिल्डियाल के काम की तारीफ की। अब टिहरी फॉर्मूले को दूसरे जिलों में लागू किया जाएगा...

IAS Mangesh Ghildiyal: Two active cases of coronavirus in Tehri district
Image: Two active cases of coronavirus in Tehri district (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: कोरोना संक्रमण को मात देने के मामले में उत्तराखंड का टिहरी जिला मिसाल बनकर उभरा है। कोरोना रोकथाम के लिए यहां कारगर प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों का नतीजा अब धरातल पर दिखने लगा है। जिले में कोरोना संक्रमण के कुल 420 मामले मिले थे, अब यहां कोरोना के सिर्फ 3 एक्टिव केस बचे हैं। कोई नया केस नहीं मिला तो कुछ ही दिन में टिहरी कोरोना मुक्त जिला बन जाएगा। टिहरी जिला कोरोना संक्रमण से मुक्ति की राह पर बढ़ चला है। टिहरी में कोरोना संक्रमण का पहला केस मई महीने के आखिर में आया था। जिसके बाद संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी। टिहरी में स्थिति बेकाबू होती दिख रही थी, लेकिन डीएम मंगेश घिल्डियाल के जिले में आने के बाद हालात सुधरते चले गए। आगे भी पढ़ लीजिए पूरी खबर

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड में दूसरे राज्यों से नहीं होगी कांवड़ियों की एंट्री, 10 इलाकों में कड़ा पहरा
बीमारी से लड़ने की रणनीति बनाना हो, या फिर योजनाओं को अमलीजामा पहनाना। डीएम मंगेश घिल्डियाल ने इतनी सटीक योजना बनाई कि कोरोना संक्रमण की रफ्तार थम सी गई। जिले में अब कोरोना मरीजों की संख्या काफी नियंत्रण में है। टिहरी प्रशासन के काम की राज्य सरकार ने भी तारीफ की और अब टिहरी फार्मूले को दूसरे जिलों में लागू करने की तैयारी चल रही है। कोरोना को हराने के लिए टिहरी में पांच स्तरों पर काम किया गया। पहले स्तर पर जिले में आने वाले प्रवासियों को बॉर्डर पर क्वारेंटीन किया गया। जिन इलाकों में संक्रमण के मामले मिले, उन्हें कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया। हर गांव में निगरानी समिति बनाई गई। हर छह गांव पर एक नोडल अफसर तैनात किया गया। डीएम के निर्देश पर प्रधान और आशा कार्यकर्ताओं को कोरोना रोकथाम अभियान से जोड़ा गया। एक्टिव सर्विलांस की ठोस रणनीति बनाई गई। जिला प्रशासन की प्लानिंग और मेहनत का नतीजा अब सबके सामने है।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - गढ़वाल में 23 साल की स्वाति ध्यानी को सिस्टम ने मार डाला, हत्या का केस दर्ज हो
मई के आखिरी हफ्ते में यहां कोरोना का पहला केस मिला था। जून में ये आंकड़ा बढ़कर 420 तक पहुंच गया। इस दौरान 26 मई को टिहरी जिले की कमान डीएम मंगेश घिल्डियाल को सौंप दी गई। चार्ज संभालने के बाद डीएम ने सबसे पहले प्रवासियों को जिले के बॉर्डर मुनि की रेती में क्वारेंटीन करने के निर्देश दिए। जब प्रवासियों को होम क्वारेंटीन किया जाने लगा तो हर छह गांव में एक नोडल अधिकारी की तैनाती गई गई। संक्रमण को लेकर उनकी सीधी जवाबदेही तय की गई। जिले में कुल 172 नोडल अधिकारी बनाए गए। हर ब्लॉक में एक चीफ नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया। जो कि डीएम को लगातार अपडेट देते रहते हैं। कंटेनमेंट जोन और प्रभावित गांवों में डीएम खुद पहुंचे और ग्राम प्रधानों-आशा कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया। कोरोना रोकथाम के लिए जमीनी स्तर पर काम किया गया। जिससे ना सिर्फ संक्रमण की दर घटी, बल्कि स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ी। टिहरी जिला प्रशासन के काम को राज्य सरकार ने भी सराहा। अब शासन प्रदेश के दूसरे जिलों में भी टिहरी फॉर्मूला लागू करने की तैयारी कर रहा है।