देहरादून: ‘गाड़ी खरीदें, किश्तें देंगे हम’...अगली बार आप कहीं भी ये लाइन पढ़ें तो झांसे में ना आएं। बिना किश्त के गाड़ी पाने का लालच आपकी गाढ़ी कमाई डुबो देगा। देहरादून में रहने वाले 7 लोगों के साथ भी यही हुआ। फर्जी इंटरनेशनल एडवरटाइजिंग कंपनी चला रहे तीन लड़कों ने इन्हें 12 लाख का चूना लगा दिया। इनमें से दो आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं। गिरोह का सरगना अब भी फरार है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने जालसाजी के धंधे से जुड़ने की जो कहानी पुलिस को सुनाई, उसे सुन पुलिसकर्मी भी दंग रह गए। जानकारी के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में रहने वाला राघव गुप्ता अपने दो दोस्तों सोहेल और उदित चड्ढा के साथ बीती 9 मार्च को मसूरी घूमने आया था। इसी बीच 22 मार्च को लॉकडाउन लग गया। जिसके बाद तीनों लड़के देहरादून में ही फंस गए। कुछ दिन तक ये लोग होटल में रुके रहे, लेकिन लॉकडाउन बढ़ने के बाद जब होटल बंद हुआ तो तीनों ने सेवलाकलां में किराये पर फ्लैट ले लिया।
ये भी पढ़ें:
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: एक्टर सुशांत राजपूत की मौत से दुखी छात्रा ने की खुदकुशी!
इस दौरान जब पैसे खत्म हो गए तो तीनों ने ठगी की योजना बनाई। जून में अनलॉक का फेज वन शुरू होते ही इन्होंने राजपुर रोड में 20 हजार रुपये किराये पर एक दुकान ली। उस पर इंटरनेशनल एडवरटाइजिंग कंपनी का बोर्ड लगाकर दफ्तर खोला और ‘गाड़ी खरीदें, किश्तें देंगे हम’ का विज्ञापन देकर लोगों को लूटने लगे। ये लोग ग्राहक से कहते कि वो अपनी मनपसंद गाड़ी सिर्फ 20 प्रतिशत भुगतान कर के हासिल कर सकते हैं। बाकी 80 फीसदी कीमत का भुगतान कंपनी करेगी। इसके बदले में ग्राहक को पांच साल तक प्रचार के लिए कंपनी का लोगो अपनी गाड़ी पर लगाना होगा। ऑफर आकर्षक था, इसलिए लोग भी फंसते चले गए। तीनों ने सस्ती कार दिलाने का लालच देकर 7 लोगों से लगभग 12 लाख रुपये ठगे और भाग गए। ठगी का अहसास होते ही पीड़ित पुलिस के पास पहुंचे और आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया। शिकायत में सहसपुर के रहने वाले अहसान ने बताया कि आरोपियों ने उनसे और उनके 6 परिचितों से 11.73 लाख रुपये ठग लिए।
ये भी पढ़ें:
यह भी पढ़ें - गढ़वाल में मारा गया मासूमों को निवाला बनाने वाला आदमखोर तेंदुआ
पीड़ित अहसान ने विज्ञापन देखकर तीनों युवकों से संपर्क किया था। आरोपियों ने अलग-अलग कार के हिसाब से अहसान और उसके परिचितों से लाखों रुपये वसूले। सभी को 9 जुलाई को कार देने का वायदा किया गया था, लेकिन इससे पहले ही गिरोह का सरगना राघव 3 जुलाई को फरार हो गया। 7 जुलाई को उदित और सोहेल भी भाग निकले। 9 जुलाई को अहसान और उसके परिचित कार लेने के लिए दफ्तर पहुंचे तो वहां ताला लटका मिला। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल नंबर ट्रेस किए और दिल्ली में छापा मारकर दो आरोपियों को पकड़ लिया। जबकि गिरोह का सरगना राघव फरार होने में कामयाब रहा। पकड़े गए दोनों आरोपी पढ़े-लिखे हैं, जीवन में कुछ बेहतर कर सकते थे, लेकिन शॉर्टकट के शौक ने दोनों को अपराध की दलदल में धकेल दिया। आरोपी उदित आईटी एक्सपर्ट है, जबकि सोहेल ने कुछ समय पहले एमबीबीएस का एंट्रेंस टेस्ट पास किया था। डोनेशन के लिए रुपये ना होने की वजह से वो एमबीबीएस में एडमिशन नहीं ले सका। वहीं गिरोह का सरगना राघव जम्मू में पुरानी गाड़ियां खरीदने और बेचने का काम करता था। तीनों आरोपी 25 लाख की लग्जरी कार से घूमते थे। फिलहाल पुलिस गिरोह के सरगना राघव की तलाश कर रही है।