उत्तराखंड देहरादूनChance of big earthquake in Uttarakhand

उत्तराखंड पर मंडरा रहा है विनाशकारी भूकंप का खतरा, रिसर्च में मिले बड़े खतरे के संकेत

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि उत्तराखंड में धरती के नीचे टेक्टोनिक प्लेट्स में हलचल हो रही है। कई जगहों पर धरती के अंदर असीमित ऊर्जा के संकेत मिल रहे हैं।

Uttarakhand earthquake: Chance of big earthquake in Uttarakhand
Image: Chance of big earthquake in Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड पर मेगा अर्थक्वैक का खतरा मंडरा रहा है। कई संस्थानों के वैज्ञानिक इस बात का दावा कर चुके हैं। आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने भी यही कहा है। इससे पहले वाडिया हिमालयन भू विज्ञान संस्थान के अलावा कई वैज्ञानिक इस बारे में अपनी रिपोर्ट दे चुके हैं। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि उत्तराखंड में धरती के नीचे टेक्टोनिक प्लेट्स में हलचल हो रही है। कई जगहों पर धरती के अंदर असीमित ऊर्जा के संकेत मिल रहे हैं। ऐसे में विनाशकारी भूकंप के संकेत मिल रहे हैं। कुछ वक्त पहले आईआईटी कानपुर से नैनीताल पहुंची वैज्ञानिकों की टीम ने रामनगर के नंदपुर गैबुआ गांव का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्हें साल 1505 में आए बड़े भूकंप के सबूत मिले। वैज्ञानिकों ने कहा कि उस वक्त भूकंप का केंद्र यहीं आस-पास रहा होगा। क्षेत्र में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर सात या फिर साढ़े सात प्वाइंट रही होगी। जिससे भारी तबाही मची होगी। इस जगह पर 21 फरवरी को देश और विदेश के वैज्ञानिकों की टीम जांच करने के लिए आने वाली है। भूकंप के बारे में पता लगाने के लिए आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने मिट्टी की जांच की थी। आगे पढ़िए

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आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक प्रो. जावेद मलिक ने कहा कि यहां भूकंप के तीन केंद्र बने हुए हैं, जिससे मिट्टी की सतह पूरी तरह से एक-दूसरे के ऊपर चढ़ी हुई है। इससे साबित होता है कि भूकंप से इस क्षेत्र में काफी नुकसान हुआ होगा।
आपको बता दें कि साल 2008 में उनकी टीम ने गैबुआ डोल में भी अध्ययन किया था। तब भी उन्होंने भविष्य में बड़ा भूकंप आने की बात कही थी। भू-वैज्ञानिकों के अनुसार पिछले चार साल में एमसीटी पर चार रिक्टर स्केल से बड़े 68 भूकंप आ चुके हैं।
साल 1991 में उत्तरकाशी और 1999 में चमोली में छह मैग्नीट्यूट तीव्रता का भूकंप आया था, जिससे क्षेत्र में बड़ी तबाही मची थी।
इससे पहले वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक भी कह चुके हैं कि तिब्बत से लेकर पूरे उत्तराखंड क्षेत्र पर मेगा अर्थक्वैक का खतरा मंडरा रहा है।

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लंबे वक्त से भूगर्भ में इकट्ठा हो रही ऊर्जा कभी भी महाभूकंप का सबब बन सकती है। भूकंप को रोका तो नहीं जा सकता, लेकिन इससे होने वाले नुकसान को कम जरूर किया जा सकता है। भूकंप आने पर आप किस तरह अपनी और अपनों की जान बचा सकते हैं, ये भी बताते हैं। भूकंप के झटके महसूस होने पर बिजली के सभी स्विच तुरंत ऑफ कर दें। दरवाजे और खिड़की को खुला रखे। ऊंची मेज या बेड के नीचे छिप जाएं। बिल्डिंग में लिफ्ट लगी है तो इसका इस्तेमाल ना कर के सीढ़ियों का इस्तेमाल करें। मकान, दफ्तर या इमारत से बाहर निकलकर खुले में आए जाएं। भूकंप के वक्त खुले मैदान से ज्यादा सेफ जगह कोई नहीं होती। इसीलिए किसी बिल्डिंग के पास ना खड़े हों। खुले मैदान में रहें।