रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में जंगली जानवर दहशत का सबब बने हुए हैं। पहाड़ से लेकर मैदान तक ऐसा कोई जिला नहीं, जहां गुलदार के हमले की घटनाएं ना हो रही हों। पहले गुलदार सिर्फ जंगल के आस-पास के क्षेत्रों में सक्रिय रहते थे, मवेशियों पर हमला करते थे। लेकिन अब गुलदार दिनदहाड़े घनी बस्तियों में दाखिल हो रहे हैं, इंसानों पर हमला कर रहे हैं। अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, पौड़ी, नई टिहरी समेत ऐसा कोई जिला नहीं जहां गुलदार के हमले की घटनाएं ना हो रही हों। गुलदार के हमले का ताजा मामला रुद्रप्रयाग का है। जहां गुलदार ने ट्यूशन जा रहे बच्चों पर हमला कर दिया। शुक्र है कि बच्चे समझदार थे, उन्होंने शोर मचाना शुरू कर दिया साथ ही गुलदार से बचने के लिए किसी तरह वहां से भाग निकले। इसी सतर्कता ने बच्चों की जान बचा ली।
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इस दौरान गुलदार ने एक छात्र पर झपट्टा मार दिया। छात्र पर गुलदार के नाखून लगे हैं। घटना से क्षेत्र में दहशत है। ग्रामीणों ने वन विभाग से गुलदार को पकड़ने की मांग की, ताकि वो चैन से रह सकें। घटना जखोली ब्लॉक के ग्राम पंचायत बुढ़ाना में हुई। जहां अंयारचौंरी में कुछ बच्चे ट्यूशन जा रहे थे। तभी घात लगाए गुलदार ने बच्चों पर हमला कर दिया। शुक्र है कि बच्चे चौकन्ने थे, गुलदार के करीब आते ही बच्चे वहां से भाग गए। इस दौरान गुलदार एक बच्चे पर झपट पड़ा। बच्चे ने किसी तरह वहां से भागकर अपनी जान बचाई। बच्चे के शरीर पर गुलदार के नाखून लगे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिन पहले गुलदार गांव की एक महिला पर भी झपटा था।
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क्षेत्र में गुलदार के हमले की घटनाएं बढ़ रही हैं, अब तक कई मवेशी गुलदार का निवाला बन चुके हैं, लेकिन वन विभाग गुलदार को पकड़ने के इंतजाम नहीं कर रहा। उत्तराखंड में इस तरह की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। 15 अगस्त के दिन ऐसी ही एक घटना श्रीनगर गढ़वाल के मलेथा में देखने को मिली। जहां सरकारी स्कूल में स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान गुलदार लोगों पर झपट पड़ा था। गुलदार के हमले में ग्राम प्रधान और कई वनकर्मी घायल हो गए। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। घटना के बाद से ग्रामीण डरे हुए हैं, वन विभाग से क्षेत्र में पिंजरा लगाने की मांग कर रहे हैं, ताकि गुलदार को पकड़ा जा सके।