उत्तराखंड देहरादूनA part of Dehradun Ajabpur flyover sunk

देहरादून: 2 साल में ही बोल गया अजबपुर फ्लाईओवर, एप्रोच रोड का हिस्सा धंसा

अजबपुर फ्लाईओवर में धंसाव होने लगा है। यहां से गुजरना अब खतरे से खाली नहीं। फ्लाईओवर की हरिद्वार साइड की 143 मीटर लंबी एप्रोच रोड का करीब 120 मीटर हिस्सा धंस गया है।

Dehradun News: A part of Dehradun Ajabpur flyover sunk
Image: A part of Dehradun Ajabpur flyover sunk (Source: Social Media)

देहरादून: देहरादून का अजबपुर फ्लाइओवर। इसे उम्मीदों का फ्लाईओवर कहा जाए तो गलत नहीं होगा। पिछले साल बड़े-बड़े दावों के साथ धूमधाम से इसका उद्घाटन हुआ था, लेकिन ये फ्लाईओवर दो बरसात भी ठीक से झेल नहीं पाया। यहां दूसरी बारिश ने दून के पुराने जख्म को फिर से कुरेद दिया। अजबपुर फ्लाईओवर में धंसाव होने लगा है। यहां से गुजरना अब खतरे से खाली नहीं। एक खबर के मुताबिक अजबपुर फ्लाईओवर की हरिद्वार साइड की 143 मीटर लंबी एप्रोच रोड का करीब 120 मीटर हिस्सा धंस गया है। इस तरह बरसात के मौसम में फ्लाईओवर को भी खतरा पैदा हो गया है। आपको बता दें कि हरिद्वार बाईपास पर फोरलेन फ्लाईओवर बनाया गया है। जिस पर 50 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हुए। करोड़ों खर्च करने के बाद जो 825 मीटर लंबा फ्लाईओवर बना वो डेढ़ साल में ही धंसने लगा है। पिछले साल मार्च में ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसका उद्घाटन किया था।

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फ्लाईओवर की 143 मीटर लंबी एप्रोच रोड का करीब 120 मीटर हिस्सा धंस गया है। रोड के धंसने की सूचना मिलने के बाद से पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों में हड़कंप मचा है। इस मामले में किसी से सफाई देते नहीं बन रहा। धंसाव वाले हिस्से की तरफ बेरिकेडिंग कर फिलहाल ट्रैफिक बंद कर दिया गया है। इस मामले में एनएच के अधिकारी क्या कह रहे हैं, ये भी जान लें। एनएच अधिकारियों ने रोड धंसने का दोष सीधे-सीधे जल निगम पर मढ़ दिया है। दरअसल जल निगम एप्रोच रोड के नीचे अंडर ग्राउंड सीवर लाइन डाल रहा है, जिसके लिए चार सेंटीमीटर गोलाई में रोड काटी जा रही है। एनएच अधिकारी कह रहे हैं कि जल निगम ने बिना परमिशन के रोड काटकर सीवर लाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया। निगम की इसी लापरवाही की वजह से पानी का रिसाव होने लगा, जिससे एप्रोच रोड में धंसाव शुरू हुआ है।

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इस मामले में अब तक कई बातें निकलकर सामने आई हैं। बताया जा रहा है कि जल निगम अमृत योजना के तहत यहां सीवर लाइन बिछा रहा है, लेकिन ये काम 2016 में ही हो जाना चाहिए था। काम की सुस्त रफ्तार की वजह से ऐसा नहीं हो पाया। कुछ दिन पहले एक विधायक के दबाव में जल निगम ने एनएच से यहां काम कराने की अनुमति मांगी थी, लेकिन एनएच ने इनकार कर दिया था। इसके बावजूद सत्ताधारी पार्टी के विधायक के दबाव में जल निगम ने यहां काम शुरू करा दिया। जिसका नतीजा अब सबके सामने है। काम शुरू होने के दूसरे दिन ही एप्रोच रोड धंस गई, जिस वजह से पुल पर भी खतरा पैदा हो गया है।