उत्तराखंड चमोलीChamoli DM Swati stopped officer salary

गढ़वाल: काम में मिली लापरवाही, डीएम स्वाति ने रोका पूर्ति निरीक्षक का वेतन

राजकीय अन्न भंडार में तीन महीने का राशन होने के बावजूद जिले के 50 प्रतिशत राशन डीलरों ने सितंबर का राशन नहीं उठाया। अब आगे पढ़िए

IAS Swati S Bhadauria: Chamoli DM Swati stopped officer salary
Image: Chamoli DM Swati stopped officer salary (Source: Social Media)

चमोली: कोरोना काल में सबकी परेशानियां बढ़ी हैं। गरीब तबके के लोग ज्यादा परेशान हैं, क्योंकि रोजगार के साधन छिन गए। इनकी परेशानी को कम करने के लिए सरकार सस्ता राशन जैसी कई सुविधाएं दे रही है, लेकिन ये राशन लोगों तक पहुंच नहीं रहा। वो इसलिए क्योंकि राशन डीलर्स को इन लोगों की तकलीफों से कोई मतलब नहीं। एडवांस राशन राजकीय अन्न भंडार में पड़ा रहता है, लेकिन राशन डीलर इसे उठाकर सस्ते गल्ले की दुकान तक लाने की जहमत नहीं उठाते। लोगों को बस यही सुनने को मिलता है कि ‘राशन अभी आया नहीं’। चमोली में भी यही हो रहा था। यहां राजकीय अन्न भंडार में तीन महीने का राशन होने के बावजूद जिले के 50 प्रतिशत राशन डीलरों ने सितंबर का राशन नहीं उठाया। इस मामले में डीएम स्वाति एस भदौरिया ने पूर्ति निरीक्षक के खिलाफ कार्रवाई करते हुए, उनका वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं।

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लापरवाही कैसे पकड़ में आई ये भी बताते हैं। गुरुवार को डीएम स्वाति एस भदौरिया ने राजकीय अन्न भंडार और सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता दुकानों का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने खाद्यान्न का स्टॉक चेक किया और वितरण की जांच की। इस दौरान राजकीय अन्न भंडार में 85 सस्ता गल्ले की दुकानों के लिए सितंबर महीने का एडवांस राशन आने की बात पता चली, जिसे आधे दुकानदारों ने उठाया ही नहीं था। डीएम ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए पूर्ति निरीक्षक को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि गोदाम में मानसून के मद्देनजर तीन महीने का एडवांस राशन होने के बाद भी वितरण नहीं होना घोर लापरवाही है। उन्होंने जिलापूर्ति अधिकारी को पूर्ति निरीक्षक के वेतन आहरण पर रोक लगाने के निर्देश दिए। आगे भी पढ़िए

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जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने साथ ही कहा कि भंडार गृह में स्टोर किया हुआ राशन 5 दिन के भीतर वितरित किया जाए। निरीक्षण के दौरान डीएम ने कोठियालसैंण स्थित एक दुकान में खामियां मिलने पर उसका लाइसेंस निरस्त कर दिया है। यहां सस्ता गल्ला विक्रेता की दुकान पर उपलब्ध राशन स्टॉक का बोर्ड नहीं लगा था। स्टॉक और वितरण का रजिस्टर भी नहीं था। जिस पर डीएम ने दुकान का आवंटन निरस्त करने के निर्देश दिए। वहीं चमोली के सरकारी गल्ले की दुकान पर दो राशन कार्ड धारकों को तीन महीने का एडवांस राशन दो बार दिया गया। ऑनलाइन राशनकार्ड धारकों की सूची भी चस्पा नहीं मिली। इस मामले में डीएम ने विक्रेता से स्पष्टीकरण मांगा है। निरीक्षण के दौरान पूर्ति निरीक्षक डीपी जोशी और पूर्ति निरीक्षक एसएस फर्स्वाण भी मौजूद रहे।