उत्तराखंड टिहरी गढ़वालStory of Manoj Panwar of Tehri Garhwal

गढ़वाल का मनोज पंवार..लॉकडाउन में घर लौटा, बच्चों को फ्री में दी जिम्नास्टिक की ट्रेनिंग

टिहरी गढ़वाल के रत्नों मल्ला गांव के युवक मनोज पंवार दो माह से गांव के दो दर्जन बच्चों को मुफ्त में जिम्नास्टिक का प्रशिक्षण दे रहे हैं और समय का शानदार तरीके से सदुपयोग कर रहे हैं

Tehri Garhwal News: Story of Manoj Panwar of Tehri Garhwal
Image: Story of Manoj Panwar of Tehri Garhwal (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: कोरोना काल के दौरान कई लोगों ने शहरों को अलविदा कह दिया है और वापस अपने गांव की ओर रुख किया है। अपनी मिट्टी में वापस लौटे युवाओं से उत्तराखंड के सूने पड़े गांवों में रौनक लौट आई है। कई युवक गांव लौट कर रोजगार तलाश रहे हैं तो कई ऐसे हैं जो अपनी प्रतिभा का सदुपयोग करते हुए प्रेरणादायक कार्य कर रहे हैं। आज हम आपको उत्तराखंड के एक ऐसे ही प्रतिभाशाली युवक के बारे में बताने जा रहे हैं। टिहरी गढ़वाल के रत्नों मल्ला गांव के युवक मनोज पंवार आजकल अपने गांव के बच्चों को मुफ्त में जिम्नास्टिक का प्रशिक्षण दे रहे हैं। बच्चों को तराशने की इस मुहिम की शुरुआत करने वाले मनोज की उनके गांव में जमकर सराहना की जा रही है। दरअसल चंबा के मनोज पंवार थौलतार ब्लॉक के ग्राम रत्नों मल्ला के निवासी हैं। आगे पढ़िए

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28 वर्षीय मनोज इंटर की पढ़ाई खत्म करने के बाद दिल्ली चले गए थे जहां उन्होंने जिम्नास्टिक एकेडमी और जेसिक्स डांस एकेडमी में एक वर्ष तक जिम्नास्टिक का गहन प्रशिक्षण लिया। जिसके बाद उन्होंने उसी एकेडमी में बच्चों को जिम्नास्टिक का प्रशिक्षण देना शुरू किया। हाल ही में कोरोना ने दस्तक दे दी और इस महामारी के कारण लॉकडाउन हो गया जिस कारण मनोज पंवार को उन्हें वापस अपने गांव लौटना पड़ा। गांव लौटकर उन्होंने सोचा कि उनके पास जो प्रतिभा है उसको वे केवल अपने तक ही सीमित ना रखकर उनके क्षेत्र के बच्चों के साथ भी साझा कर उनको प्रशिक्षण दिया जाए। वहीं क्षेत्र के बच्चों ने भी जिम्नास्टिक सीखने में उत्सुकता दिखाई। गांव के लोगों ने भी उनकी हौसला अफजाई की और गांव का खाली पड़ा बरात कर उन्हें प्रशिक्षण के लिए उपलब्ध कराया।

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बस फिर क्या था मनोज पंवार ने बच्चों को जिमनास्टिक का प्रशिक्षण देना शुरू किया। बता दें वे 2 महीने से क्षेत्र के बच्चों को जिम्नास्टिक सिखा रहे हैं और इस समय तकरीबन दो दर्जन से भी अधिक बच्चे उनसे जिमनास्टिक का प्रशिक्षण ले रहे हैं। 5 साल से 15 साल तक के बच्चों को वे प्रशिक्षण दे रहे हैं। वहीं गांव के लोग उनकी इस मुहिम से बेहद खुश हैं। गांव के प्रधान सुरेश राणा ने कहा कि मनोज पंवार जैसे युवाओं की पहल की सराहना करनी बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रतिभाशाली युवाओं का मनोबल बढ़ाना आवश्यक है। वह आज का युवा ही है जो गांव से पलायन को रोक सकता है और गांव में खुशहाली वापस ला सकता है। जिम्नास्ट प्रशिक्षक मनोज पंवार का कहना है कि उनके लिए इससे अच्छा समय का सदुपयोग नहीं हो सकता।उन्होंने कहा कि अगर इसको सीरियसली लिया जाए तो जिमनास्टिक में करियर बना कर आगे काफी अच्छी मौके बच्चों को मिल सकते हैं।