उत्तराखंड पिथौरागढ़Army and rural dispute in Pithoragarh

उत्तराखंड: सुवाकोट गांव में सेना और ग्रामीण आमने-सामने..दो मुकदमे दर्ज

गांव में ग्राम पंचायत ने 15 दिन पहले पानी का टैंक बनावाया था। साढ़े छह लाख रुपये की लागत से बने इस टैंक से हजारों लोगों को पानी की सप्लाई की जानी थी

Pithoragarh Suvakot Village: Army and rural dispute in Pithoragarh
Image: Army and rural dispute in Pithoragarh (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: उत्तराखंड का सीमांत जिला पिथौरागढ़। चीन और नेपाल बॉर्डर से सटे इस जिले में इन दिनों ग्रामीण और भारतीय सेना आमने-सामने हैं। पिछले दिनों सेना के जवानों ने यहां एक गांव में कुछ ऐसा किया, जिसने ग्रामीणों का गुस्सा भड़का दिया। दरअसल गांव में एक नवनिर्मित पेयजल टैंक बनवाया गया था। इस टैंक से गांव के हजारों लोगों तक पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जानी थी। एक खबर के मुताबिक ऐसा हो पाता इससे पहले ही सेना ने टैंक को ध्वस्त कर दिया। घटना सुवाकोट गांव की है। जहां गुरुवार रात भारतीय सेना की स्थानीय इकाई ने गांव में बने 60 हजार लीटर के नवनिर्मित पेयजल टैंक को तोड़ दिया। पूरा मामला जमीन विवाद से जुड़ा बताया जा रहा है। आइए आगे भी आपको इस बारे में पूरी जानकारी देते हैं...आगे पढ़िए

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सुवाकोट गांव पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां ग्राम पंचायत ने 15 दिन पहले साठ हजार लीटर क्षमता का पेयजल टैंक बनवाया था। जिस पर लागत आई साढ़े छह लाख रुपये। टैंक से गांव की करीब तीन हजार की आबादी को पानी की सप्लाई होनी थी, लेकिन ऐसा होने से पहले ही सेना ने टैंक को ध्वस्त कर दिया। तोड़-फोड़ की आवाज सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और सेना की कार्रवाई का विरोध करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। बवाल बढ़ा तो विधायक और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। प्रशासन ने सेना से कार्रवाई की वजह भी पूछी, लेकिन सेना कोई ठोस जवाब नहीं दे पाई। बहरहाल प्रशासन ने सार्वजनिक संपत्ति को ध्वस्त करने में इस्तेमाल की गई मशीन को सीज कर दिया है। सुवाकोट ग्राम पंचायत और जल निगम ने सेना की इकाई के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज कराई है।

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गांव के लोगों मे सेना की कार्रवाई को लेकर गुस्सा है। जागरण की खबर के मुताबिक ग्राम प्रधान राकेश कुमार ने बताया कि गुरुवार को सेना की इकाई ने जेसीबी मशीन लाकर पानी के टैंक को तोड़ दिया। जब वो ग्रामीणों को लेकर मौके पर पहुंचे तो सेना के जवानों ने उन्हें रोक लिया। कहा कि सेना की एक्सरसाइज चल रही है। शुक्रवार सुबह पेयजल टैंक, आम रास्ते और व्यू प्वाइंट ध्वस्त मिले। बाद में प्रशासनिक अधिकारियों ने सेना की स्थानीय इकाई से बात की तो उन्होंने संबंधित जमीन को अपना बताया, लेकिन भू-अभिलेख नहीं दिखा पाए। जिसके बाद एसडीएम ने मौके पर खड़ी जेसीबी सीज कर पुलिस को सौंप दी। इस मामले में जल निगम और ग्राम पंचायत की तरफ से दो मुकदमे जाजरदेवल थाने में दर्ज कराए गए हैं। मामले की जांच अब पुलिस करेगी।