उत्तराखंड देहरादूनUttarakhand to Delhi bus service will start

दिल्ली से उत्तराखंड आने वालों के लिए बड़ी खबर, शुरू होने वाली है बस सेवा

परिवहन सेवाएं शुरू होने से यात्रियों को तो फायदा होगा ही। साथ ही रोडवेज और ट्रांसपोर्टर को भी राहत मिलेगी। ये लोग लंबे वक्त से अंतरराज्यीय परिवहन सेवाएं शुरू करने की मांग कर रहे थे।

Uttarakhand delhi bus: Uttarakhand to Delhi bus service will start
Image: Uttarakhand to Delhi bus service will start (Source: Social Media)

देहरादून: दिल्ली से उत्तराखंड आने वाले यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर है। राज्य सरकार ने अंतरराज्यीय बस सेवाएं शुरू करने का मन बना लिया है। तैयारी जारी है। लोग लंबे वक्त से अंतरराज्यीय परिवहन सेवाएं शुरू करने की मांग कर रहे थे। राज्य सरकार ने अंतरराज्यीय परिवहन सेवाओं का संचालन शुरू करने की तैयारी कर ली है। उत्तराखंड से किन राज्यों के लिए रोडवेज की बसें चलेंगी, ये भी जान लें। उत्तराखंड रोडवेज की बसें दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में सेवाएं देंगी। इन राज्यों से रोडवेज बसों के जरिए यात्री उत्तराखंड भी आ सकेंगे। अंतरराज्यीय बस सेवाओं के संचालन के संबंध में आज आदेश जारी हो सकते हैं। मार्च में लगे लॉकडाउन के बाद से अंतरराज्यीय परिवहन सेवाएं बंद हैं। केंद्र सरकार ने अनलॉक-4 के तहत सभी राज्यों की सीमाओं पर लगी पाबंदी को हटाने के आदेश दिए थे। जिसके बाद पड़ोसी राज्यों की तरफ से अपनी सीमाएं परिवहन के लिए खोल दी गईं हैं, लेकिन उत्तराखंड से अब तक अंतरराज्यीय परिवहन सेवाओं को हरी झंडी नहीं मिली। आगे पढ़िए

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अब राज्य सरकार ने अंतरराज्यीय परिवहन सेवाएं शुरू करने का मन बना लिया है। राज्य सरकार के पॉजिटिव रुख को देखते हुए उत्तराखंड रोडवेज ने भी बसों के बाहरी राज्यों में संचालन की तैयारी शुरू कर दी है। रोडवेज महाप्रबंधक दीपक जैन ने कहा कि अगर सरकार मंजूरी देती है तो रोडवेज हर दिन 350 बसें दूसरे राज्यों के लिए संचालित कर सकता है। आपको बता दें कि इस वक्त उत्तराखंड रोडवेज की बसें या निजी बसें सिर्फ प्रदेश के भीतर ही संचालित हो रही हैं। जिन शहरों के रास्तों का कुछ हिस्सा उत्तर प्रदेश में पड़ता है, वहां बसों का संचालन नहीं हो रहा। बसों का संचालन ना होने की वजह से रोडवेज का घाटा बढ़ता जा रहा है। अब राज्य सरकार अंतरराज्यीय परिवहन खोलने की तैयारी कर रही है। इसके अलावा व्यावसायिक वाहनों का किराया कम करने और सवारियों की संख्या बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है।