नैनीताल: उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र कई तरह के संकटों का सामना कर रहे हैं। लोग विषम भौगोलिक परिस्थितियों और पलायन का सामना कर ही रहे थे, कि तभी कोरोना महामारी ने दस्तक दे दी, जिसने यहां के हाल और भी बेहाल कर दिए। कोरोना संकट ने दूसरे राज्यों में काम कर रहे पहाड़ियों की नौकरी छीन ली, व्यापार भी ठप पड़ा है। ऐसे में उत्तराखंड के लोगों ने संकट के हालातों से निपटने के लिए स्वरोजगार को समाधान के तौर पर अपनाया है। अब यहां के बेरोजगार युवा स्वरोजगार की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं। खेती के नए तरीकों को अपना रहे हैं। ऐसे युवाओं के लिए पहाड़ में कीवी की खेती रोजगार का बढ़िया विकल्प बन सकती है। कीवी की खेती को लेकर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट ने जानकारी से भरा एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया। आगे देखिए
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रमेश भट्ट के वीडियो के बाद कई लोगों ने कीवी की खेती में रुचि दिखाई, साथ ही इसे लेकर अपने सवाल भी पूछे। इन सवालों के जवाब मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से दिए हैं। उन्होंने बताया कि जो लोग कीवी की खेती करना चाहते हैं, उन्हें एनबीपीजीआर के विशेषज्ञों की तरफ से हर संभव मदद दी जाएगी। नैनीताल जिले के भवाली से गरमपानी क्षेत्र की तरफ जाते हुए बीच में एक जगह पड़ती है निंगलाड। यहां पर एनबीपीजीआर की इकाई का दफ्तर है। जहां विशेषज्ञों ने कीवी की पौध डेवलप की है। जो लोग कीवी की खेती करना चाहते हैं, वो यहां से पौध ले सकते हैं।
अगर आप पहाड़ों में #kiwi की पौंध लगाना चाहते हैं तो यह जानकारी आपके लिए बहुत ज़रूरी है।
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Trivendra Singh Rawat
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Posted by Ramesh Bhatt on Friday, September 25, 2020
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यहां विशेषज्ञों ने कीवी की तीन किस्मों के पौधे विकसित किए हैं। कीवी की पौध लगाने का सही समय है नवंबर, दिसंबर और जनवरी। पहाड़ में कीवी की खेती के लिए उपयुक्त माहौल है। ये वन टाइम इन्वेस्टमेंट है जो कि सालों तक लाभ देता है। कीवी का पौधा 25 से 30 साल तक फल देता है। आमतौर पर पहाड़ के लोग शिकायत करते हैं कि बंदर उनकी फसल बर्बाद कर देते हैं, लेकिन कीवी को बंदर नुकसान नहीं पहुंचाते। इसलिए पहाड़ में कीवी की खेती रोजगार का बेहतर विकल्प बन सकती है। चलिए अब आपको रमेश भट्ट द्वारा तैयार वीडियो दिखाते हैं। अगर आप भी कीवी की खेती करना चाहते हैं, इसके बारे में जानकारी हासिल करना चाहते हैं, तो ये वीडियो जरूर देखें। साथ ही इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं।