उत्तराखंड पौड़ी गढ़वालYouth Foundation 46 youth join Garhwal Rifle

उत्तराखंड: यूथ फाउंडेशन की मेहनत रंग लाई, इस बार 46 सूरमा गढ़वाल राइफल में शामिल

गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंटल सेंटर में हुई कसम परेड के बाद 171 जांबाज देश की सुरक्षा की शपथ लेते हुए गढ़वाल राइफल्स का हिस्सा बन गए। इनमें यूथ फाउंडेशन से ट्रेनिंग लेने वाले 46 जांबाज भी शामिल हैं।

Youth Foundation Uttarakhand: Youth Foundation 46 youth join Garhwal Rifle
Image: Youth Foundation 46 youth join Garhwal Rifle (Source: Social Media)

पौड़ी गढ़वाल: देवभूमि उत्तराखंड सैन्य परंपरा के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। यहां के युवा सालों साल मेहनत करते हैं, ताकि इस गौरवशाली सैन्य परंपरा को आगे बढ़ा सकें। रिटायर्ड कर्नल अजय कोठियाल के नेतृत्व में चल रहा यूथ फाउंडेशन इन युवाओं के सपनों को साकार करने में मदद कर रहा है। हाल ही में यूथ फाउंडेशन से ट्रेनिंग लेने वाले 46 सूरमा अपनी ट्रेनिंग पूरी कर भारतीय सेना का अभिन्न अंग बन गए। पौड़ी गढ़वाल के लैंसडौन स्थित गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंट सेंटर में शनिवार को कसम परेड समारोह का आयोजन हुआ। जिसमें 171 रिक्रूट देश की आन-बान और शान की हर कीमत पर रक्षा करने की कसम खाते हुए थल सेना में शामिल हो गए। आगे भी पढ़िए

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - केदारनाथ धाम में बिना मास्क पहने आ रहे हैं लोग, कब टूटेगी पुलिस और प्रशासन की नींद?
गढ़वाल रेजीमेंट के परेड ग्राउंड में कोर-96 के 171 रिक्रूटों ने शपथ ग्रहण कर देश सेवा की तरफ अपना पहला कदम बढ़ाया। नव प्रशिक्षित जवानों ने समीक्षा अधिकारी कर्नल ऑफ द रेजीमेंट लेफ्टिनेंट जनरल एसके उपाध्याय को सलामी दी। शनिवार को जिन 171 रिक्रूटों ने सैनिक बनकर देश सेवा की शपथ ली। उनमें 46 कैडेट्स ऐसे थे, जिन्होंने गढ़वाल राइफल्स के रेजीमेंट सेंटर तक पहुंचने का सफर यूथ फाउंडेशन की मदद से पूरा किया। वर्दी पहनने का सपना पूरा हुआ तो परेड के बाद सभी के चेहरे खिल उठे। इस मौके पर रिक्रूटों ने अपने दाहिने कंधे पर शौर्य व वीरता की प्रतीक लाल रस्सी स्कारलेट धारण की। रॉयल रस्सी धारण करने पर रिक्रूटों को राइफलमैन का दर्जा दिया जाता है। सेना में शामिल होने वाले युवाओं के चेहरे की खुशी देखते ही बन रही थी।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: ऑनलाइन सेक्स रैकेट का शिकार हुआ छात्र, एक झटके में गंवाए 27 हजार रुपये
कोविड-19 के संक्रमण काल को देखते हुए परेड देखने के लिए युवा सैनिकों के माता-पिता और रिश्तेदारों को कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया था। कसम परेड के बाद कैडेट्स ने यूथ फाउंडेशन का आभार जताया। यहां आपको यूथ फाउंडेशन और इसके संस्थापक रिटायर्ड कर्नल अजय कोठियाल के बारे में भी जरूर जानना चाहिए। यूथ फाउंडेशन के माध्यम से रिटा. कर्नल अजय कोठियाल ने पहाड़ के युवक-युवतियों को सेना में भर्ती होने की ट्रेनिंग देने की एक अनूठी पहल शुरू की है, जो कि पूरे देश में मिसाल बन चुकी है। कर्नल अजय कोठियाल भले ही सेना से रिटायर हो चुके हैं, लेकिन उनका मिशन देशसेवा अब भी जारी है। कर्नल अजय कोठियाल के नेतृत्व में गठित यूथ फाउंडेशन सेना के लिए जांबाज तैयार करने के काम में जुटा है।