उत्तराखंड पिथौरागढ़Man eater leopard haunted in pithoragarh

उत्तराखंड: आखिरकार मारा गया आदमखोर गुलदार..4 लोगों को बनाया था निवाला

पिथौरागढ़ के जिला मुख्यालय के नजदीकी गांवों में सक्रिय आदमखोर गुलदार जिसने महीने भर के अंदर 4 लोगों को अपना निवाला बना लिया है और 6 से अधिक लोगों को घायल कर चुका था

Pithoragarh news: Man eater leopard haunted in pithoragarh
Image: Man eater leopard haunted in pithoragarh (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: उत्तराखंड में मानव वन्यजीव संघर्ष लगातार बढ़ता ही जा रहा है। आए दिन गुलदार द्वारा लोगों को अपना निवाला बनाने की खबर सामने आ रही है। पिथौरागढ़ जिले में भी गुलदार के हमले की घटना लगातार बढ़ती ही जा रही है। पिथौरागढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में गुलदार की दस्तक से लोग परेशान हैं। इसी बीच पिथौरागढ़ से एक राहत की खबर सामने आई है। पिथौरागढ़ के जिला मुख्यालय के नजदीकी गांवों में काफी समय से आदमखोर गुलदार सक्रिय था जिसने महीने भर के अंदर 4 लोगों को अपना निवाला बना लिया है और 6 से अधिक लोगों को घायल कर चुका था। मेरठ से आए हुए शिकारी ने आखिरकार बीते 10 नवंबर को उस आदमखोर गुलदार को ढेर कर दिया है जिसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। जब वन विभाग ने गुलदार का शिकार कर पाने में असमर्थ होने का दावा किया इसके बाद मेरठ से शिकारी सैयद अली बिन हादी को शिकार के लिए बुलाया गया और उन्होंने आदमखोर गुलदार का खात्मा किया। क्षेत्र में अब तक दो।आदमखोर गुलदारों को शिकारियों ने मार गिराया है।

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आदमखोर गुलदार ने 1 महीने के अंदर 4 लोगों को अपना निवाला बनाया था और आधे दर्जन से अधिक लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से सटे पौण, पपदेव, चंडाक, मोस्टामानु, धारापानी सहित डेढ़ दर्जन गांव में इस गुलदार में आतंक मचाया हुआ था और लोगों को भयभीत कर के रखा हुआ था। इस आदमखोर गुलदार के मारे जाने की खबर सुनकर गांव के निवासियों ने राहत की सांस ली है। गुलदार के खौफ से पूरे क्षेत्र की दिनचर्या प्रभावित हो रही थी और लोग गुलदार की दहशत के चलते शाम के समय में अपने घरों में कैद जाने पर मजबूर थे। इस समस्या को देखते हुए मुख्य वन जीव प्रतिपालक ने गुलदार को आदमखोर घोषित कर दिया। जिसके बाद मेरठ से शिकारी सैयद अली बिन हादी को बुलाया गया।

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सैयद ने वन विभाग की टीम के साथ लगातार गश्त की। बीते सोमवार की रात्रि को लगभग 11 बजे मोस्टामानु के पास लगाए गए पिंजरे के पास गुलदार दिखाई दिया और शिकारी हादी ने बिना किसी देरी के गुलदार को वहां पर ढेर कर दिया। अगले दिन मंगलवार को पशु चिकित्सक मनोज जोशी ने गुलदार का पोस्टमार्टम किया। वन क्षेत्राधिकारी डीसी जोशी के अनुसार मृत गुलदार मादा थी और उसकी लंबाई तकरीबन 7 फीट थी। जी हां गुलदार की उम्र 7 वर्ष बताई जा रही है और गुलदार के दाहिने पैर के नाखून भी क्षति ग्रस्त हैं और उसके दांत भी घिस रखे हैं। उसके दांत और पंजों के घिसने के कारण मादा गुलदार प्राकृतिक शिकार करने में असमर्थ थी और इस वजह से वह मानव बस्तियों के आसपास घूम कर मनुष्यों को अपना शिकार बना रही थी। पोस्टमार्टम के बाद गुलदार के शव को नष्ट कर दिया गया है।