नैनीताल: उत्तराखंड का जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क बाघों की अठखेलियों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। 29 नवंबर की सुबह यहां बाघ और गुलदार की लड़ाई का रोमांचक नजारा देखने को मिला। रामनगर के ढिकाला जोन में ठंडी सड़क पर गुलदार ने एक हिरण का शिकार किया। गुलदार शिकार की दावत उड़ाने ही वाला था, कि तभी एक खूंखार बाघ वहां पहुंच गया। बाघ ने गुलदार पर हमला कर उसे जान बचाकर भागने पर मजबूर कर दिया। बाघ के हमले के दौरान गुलदार एक 20 फीट ऊंचे पेड़ पर चढ़ गया। बाघ ने भी पेड़ पर चढ़ने की कोशिश की, लेकिन भारी वजन होने की वजह से वो पेड़ पर नहीं चढ़ सका। पेड़ पर टंगे गुलदार की सांसें अटकी हुई थीं, तो वहीं बाघ एक घंटे तक उसके पेड़ से नीचे उतरने का इंतजार करता रहा। बाघ पेड़ के नीचे बैठे-बैठे उसे घूरता रहा। कई कोशिशों के बाद भी जब बाघ गुलदार तक पहुंचने में नाकाम रहा तो वो मारे गए हिरण को लेकर जंगल में भाग गया। वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर नासिर अहमद ने घटना के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 29 नवंबर की सुबह एक भूखे गुलदार ने जंगल में हिरण का शिकार किया। वो हिरण को खाने के लिए झाड़ियों की तरफ बढ़ ही रहा था कि तभी जबड़े में शिकार लिए घूम रहे गुलदार पर एक बाघ टूट पड़ा।
ये भी पढ़ें:
यह भी पढ़ें - देहरादून से बड़ी खबर..एक झटके में सील हुई शराब की कई दुकानें
अचानक हुए हमले के बाद गुलदार बिजली की रफ्तार से हिरण को छोड़कर सड़क किनारे लगे पेड़ पर छलांग मारते हुए करीब 20 फीट तक चढ़ गया। जिस वक्त ये हुआ उस वक्त सड़क पर लोगों की आवाजाही हो रही थी। गुस्साया बाघ एक घंटे तक पेड़ के पास घूमता रहा, लेकिन गुलदार टस से मस नहीं हुआ। थोड़ी देर बाद बाघ मारे गए हिरण को लेकर जंगल में भाग गया, लेकिन गुलदार करीब चार घंटे बाद नीचे उतरने की हिम्मत जुटा सका। शिकार को पूरी तरह चट करने के बाद बाघ राम गंगा नदी की ओर गया, तब जाकर गुलदार पेड़ से उतरकर जंगल की ओर भागा। वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार बाघ काफी भारी भरकम वन्यजीव है। ये गुलदार से दोगुना ताकतवर और वजनी होता है। आमना-सामना होने पर कई बार बाघ गुलदार को मार देता है। हालांकि ज्यादा वजनी होने की वजह से बाघ पेड़ पर नहीं चढ़ पाते, जबकि गुलदार कम वजनी और फुर्तीला होने की वजह से आसानी से पेड़ पर चढ़ जाते हैं। इसी एक खूबी ने गुलदार की जान बचा ली।