उत्तराखंड हरिद्वारMurder for dowry in Haridwar

उत्तराखंड: दहेज के दानवों ने बहू को जिंदा जलाया...10-10 साल की कैद

साल 2015 में दहेज के लिए गर्भवती विवाहिता की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में कोर्ट ने विवाहिता के पति और सास को 10-10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। जानिए पूरा मामला

Haridwar News: Murder for dowry in Haridwar
Image: Murder for dowry in Haridwar (Source: Social Media)

हरिद्वार: दहेज प्रथा को जड़ से खत्म करने के लिए कड़े कानून बनाए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद बेटियां दहेज के लिए जलाई जा रही हैं, सताई जा रही हैं। साल 2015 में हरिद्वार के सिडकुल क्षेत्र की रहने वाली एक गर्भवती महिला की भी हत्या कर दी गई थी। उसके पति और सास-ससुर समेत अन्य परिजनों पर दहेज हत्या का आरोप लगा था। इस केस में द्वितीय एडीजे सहदेव सिंह ने पति और सास को 10-10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दोनों पर 6-6 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगा है। वहीं विवाहिता के उत्पीड़न के आरोप में ससुर और मामा को दहेज उत्पीड़न में 3-3 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। दोनों पर 15 सौ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इस मामले में विवाहिता की मां सुशीला ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया था।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक का मनीष सिसोदिया को चैलेंज..अब हो ही जाए खुली बहस
घटना 14 अप्रैल 2015 की है। सिडकुल में रहने वाली एक विवाहिता की मौत हो गई थी। परिजनों ने उसके ससुराल वालों पर गर्भवती महिला पर मिट्टी का तेल डालकर जलाने, दहेज के लिए उत्पीड़न और मारपीट करने का आरोप लगाया था। मृतक की मां सुशीला देवी ने बताया कि उसकी बेटी लखविंदर कौर की शादी औरंगाबाद गांव में रहने वाले गुरमीत सिंह से हुई थी। शादी में लड़की वालों ने पांच लाख रुपये खर्च किए थे, लेकिन ससुराल वाले नाराज थे। वो दहेज के लिए लखविंदर को प्रताड़ित करने लगे। 13 अप्रैल की 2015 की रात ससुराल वालों ने विवाहिता पर मिट्टी का तेल डालकर उसे जलाने की कोशिश की। पीड़ित को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। अब इस मामले में कोर्ट ने 4 आरोपियों को कठोर कारावास की सजा सुनाई है।