उत्तराखंड नैनीतालThe family spent 2.5 lakh rupees to get the cat back

नैनीताल- जानिए खुशकिस्मत ‘लियो’ की कहानी, जिसकी तलाश में कपल ने ढाई लाख खर्च कर दिए

किस्मत हो तो लियो जैसी। जिस परिवार में लियो पली-बढ़ी उस परिवार ने अपनी लाडली लियो की तलाश में दिन-रात एक कर दिया। न समय की परवाह की और न ही पैसों की। आगे जानिए पूरा मामला

Nainital: The family spent 2.5 lakh rupees to get the cat back
Image: The family spent 2.5 lakh rupees to get the cat back (Source: Social Media)

नैनीताल: बेंगलुरु से नैनीताल घूमने आए एक परिवार की लाडली बिल्ली लियो को तीन महीने बाद आखिरकार खोज निकाला गया। तीन महीने पहले बेंगलुरु के रहने वाले एक परिवार की पालतू बिल्ली लापता हो गई थी। तब से परिवार बेहद परेशान था। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि अपनी पालतू बिल्ली को वापस पाने के लिए इस परिवार ने ढाई लाख रुपये खर्च कर दिए। जैसे ही परिवार को बिल्ली के मिलने की सूचना मिली, उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। परिवार ने बताया कि पालतू बिल्ली उनके लिए परिवार के सदस्य की तरह है। उसके लिए हम जो कर सकते थे, हमने किया। चलिए पूरी कहानी फ्लैशबैक से शुरू करते हैं। कहानी बेंगलुरु के रहने वाले हर्ष कपूर और उनकी प्यारी बिल्ली लियो की है।

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1 अक्टूबर 2020 को हर्ष कपूर अपनी पत्नी भव्या कपूर के साथ नैनीताल घूमने आए थे। पूरा परिवार हल्द्वानी-नैनीताल रोड में सूर्यागांव में बने बलौट रिजॉर्ट में रुका। कपूर दंपति के साथ उनकी दो बिल्लियां 'लियो' और 'कोको' भी नैनीताल घूमने आई हुई थीं। रिजॉर्ट पहुंचने के बाद दोनों बिल्लियों को लॉन में छोड़ दिया गया। इस बीच लियो अचानक गायब हो गई। जिससे कपूर दंपति परेशान हो गए। वो सिर्फ तीन दिन के लिए नैनीताल आए थे, लेकिन जब लियो खो गई तो उन्होंने अपने ट्रिप को तीन दिन और बढ़ाने का फैसला लिया। इस दौरान गांव से लेकर जंगल तक की खाक छानी, लेकिन बिल्ली नहीं मिली। कपूर दंपति ने बिल्ली को ढूंढने वाले या पता बताने वाले को पांच हजार का ईनाम देने की भी घोषणा की थी। कई दिनों की मेहनत के बाद निराश कपूर दंपति 10 अक्टूबर को बेंगलुरु लौट गए।

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हालांकि इस दौरान उन्होंने लियो के मिलने की उम्मीद नहीं छोड़ी और वाइल्ड टस्कर सोसाइटी​ से जुड़े लोगों से संपर्क में बने रहे। 21 जनवरी को किसी ग्रामीण को बिल्ली दिखाई दी। जिसकी सूचना कपूर दंपति को दी गई। लियो के मिलने की खबर पाकर कपूर दंपति 25 जनवरी को बेंगलुरु से फ्लाइट पकड़कर भुजियाघाट पहुंचे, जहां दो दिन की कड़ी मेहनत के बाद उन्हें आखिरकार 26 जनवरी को उनकी बिल्ली लियो एक खंडहरनुमा मकान में मिल गई। लियो को खोजने के मिशन में कपूर दंपति ने ढाई लाख रुपये खर्च कर दिए। हालांकि उन्हें इसका अफसोस नहीं है। हर्ष कपूर ने कहा कि लियो के साथ उनका पारिवारिक लगाव है। इस प्रेम की तुलना पैसों से नहीं की जा सकती। लियो अब उनके पास है, उनके लिए यही काफी है।