देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और महाराष्ट्र सरकार के बीच तनातनी की खबरें जब-तब सामने आती रही हैं। हाल में इन खबरों ने तब तूल पकड़ा जब महाराष्ट्र सरकार ने भगत सिंह कोश्यारी Bhagat Singh Koshyari को सरकारी विमान उपलब्ध कराने से साफ इनकार कर दिया। बताया जा रहा है कि उन्हें सरकारी विमान से उतार दिया गया। जिसके बाद महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी कमर्शियल विमान सेवा के जरिए मुंबई से देहरादून, जौलीग्रांट पहुंचे। भगत सिंह कोश्यारी लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी में होने वाले कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए उत्तराखंड आए हैं। महाराष्ट्र सरकार ने उनके साथ जिस तरह का व्यवहार किया, उसे लेकर प्रदेश बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी ने महाराष्ट्र सरकार पर लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाया। जबकि कांग्रेस इसे महाराष्ट्र सरकार और राजभवन के बीच का मसला बता रही है। महाराष्ट्र सरकार और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बीच हमेशा से ठनी रही। रिश्तों में आई तल्खी का ही नतीजा है कि महाराष्ट्र सरकार ने राज्यपाल जैसे अहम ओहदे पर बैठे भगत सिंह कोश्यारी को सरकारी विमान उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया। आगे पढ़िए
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इस मामले की गूंज उत्तराखंड में भी सुनाई दी। गुरुवार को जब महाराष्ट्र के राज्यपाल देहरादून पहुंचे तो पत्रकारों ने उनसे इसे लेकर सवाल पूछे, लेकिन राज्यपाल सवालों को टाल गए। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी Bhagat Singh Koshyari ने कहा कि वो निजी दौरे पर दून नहीं आए हैं, उन्हें लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी मसूरी में होने वाले कार्यक्रम में हिस्सा लेना है। राज्यपाल कोश्यारी ने मीडिया के सवालों का जवाब तो नहीं दिया, हालांकि इस दौरान उनके हाव-भाव में तल्खी जरूर दिखी। उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात कर चमोली में आई आपदा पर दुख भी जाहिर किया। वहीं महाराष्ट्र गवर्नमेंट के रवैये को लेकर प्रदेश बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने राज्यपाल के प्रोटोकॉल का ध्यान नहीं रखा। इस तरह का आचरण गरिमा के अनुरूप नहीं है। इससे महाराष्ट्र सरकार का असली चेहरा उजागर हुआ है।