चमोली: चमोली जिले ने हाल ही में आपदा का दंश झेला है। रह रह कर लोगों को डर सता है, अपनों की तलाश में न जाने कितनी आंखों का पानी सूख गया है। लाशों के मिलने का सिलसिला लगातार जारी है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या खतरा टल गया? जाहिर सी बात है कि खतरा टला नहीं है और इस बीच एक और अलर्ट जारी हो गया है। जी हां अमर उजाला की खबर के मुताबिक चमोली में एनटीपीसी ने 24 और 25 फरवरी को बारिश की संभावना को देखते अलर्ट जारी किया है। साथ ही ऋषि गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी होने का अलर्ट भी जारी किया गया है। कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि नदी का जलस्तर करीब चार मीटर तक उठ सकता है। खबर है कि इस खतरे के मद्देनज़र तपोवन बैराज साइट पर मलबे का भरान किया जा रहा है। ताकि नदी के पानी को बैराज में जाने से रोका जा सके। मौसम विभाग ने भी 24 और 25 फरवरी को बारिश की संभावना जताई है। ऐसे में एनटीपीसी ने लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा है।
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रैणी क्षेत्र में आपदा के 13 दिन बाद भी हर तरफ तबाही के निशान बिखरे हैं। आपदा में अब तक 62 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। इनके शव बरामद कर लिए गए है। जबकि 142 लोग अब भी लापता हैं। 7 फरवरी को आए सैलाब के बाद इनका कुछ पता नहीं चला। चंद सेकेंड में सैकड़ों लोगों की जिंदगी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। जिन लोगों के अपने लापता हुए हैं, उनकी उम्मीदें भी दम तोड़ने लगी हैं। जैसे-जैसे आपदा में मारे गए लोगों की लाशें मिल रही हैं, आशाएं भी खत्म होने लगी हैं।चमोली जिला पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, तपोवन टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एक और शव मिला है. अब तक कुल 62 शव और 28 मानव अंग मिल चुके हैं। जिनमें से 33 शवों और 1 मानव अंग की पहचान हो चुकी है। तपोवन सुरंग से कल दो लोगों के शव बरामद हुए। वहीं रैणी गांव से भी एक शव मिला है। इसी के साथ चमोली आपदा में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 62 हो गई है।