उत्तराखंड देहरादूनIn Uttarakhand beggars children will study in school

उत्तराखंड पुलिस का नेक काम..भिक्षा मांगते मिले 735 बच्चों का होगा स्कूलों में दाखिला

उत्तराखंड में भिक्षावृत्ति के अंदर संलिप्त बच्चों में से पुलिस ने तकरीबन डेढ़ हजार बच्चे चिन्हित कर लिए हैं और इनमें से लगभग 750 बच्चों को पुलिस विभिन्न स्कूलों में दाखिल कराएगी।

Uttarakhand Police: In Uttarakhand beggars children will study in school
Image: In Uttarakhand beggars children will study in school (Source: Social Media)

देहरादून: अक्सर हम सड़कों पर बच्चों को भीख मांगते हुए देखते हैं। ऐसे बच्चे जिनको इस उम्र में स्कूल के अंदर होना चाहिए वे सड़कों पर भीख मांग रहे हैं। सवाल यह उठता है कि आखिर बच्चों के साथ ऐसे निर्दयी व्यवहार पर सख्त एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा है और क्यों बच्चों को भिक्षावृत्ति मे लिप्त किया जा रहा है। हर जगह से अवहेलना झेलने वाले और सड़कों पर भीख मांगने वाले उन बच्चों की जिंदगी के बारे में आखिर क्यों नहीं सोचा जा रहा है। जरूरी है कि इस पर बात हो और यह भी जरूरी है कि इन बच्चों के भविष्य को संवारा जाए ताकि वे अपने पैरों पर खड़े होकर अपनी मेहनत से जीवन गुजार सकें। उत्तराखंड में अब इस गंभीर और चिंताजनक विषय के ऊपर पुलिस सख्त एक्शन ले रही है।

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उत्तराखंड में इन दिनों पुलिस द्वारा भिक्षावृत्ति के खिलाफ अभियान जोरों शोरों से चल रहा है। समस्त उत्तराखंड में "भिक्षा नहीं शिक्षा दें" अभियान जोर पकड़ रहा है और अब तक पुलिस ने तकरीबन डेढ़ हजार बच्चे चिह्नित कर लिए हैं जो अब तक भिक्षावृत्ति में लिप्त हो रखे थे। जी हां, अब इनमें से 750 बच्चों का पुलिस विभिन्न स्कूलों में दाखिला कराएगी। बता दें कि पुलिस का "भिक्षा नहीं शिक्षा दें", अभियान 1 मार्च को शुरू हुआ था और यह 30 अप्रैल तक जारी रहेगा। " भिक्षा नहीं शिक्षा दें "अभियान के तहत जनता को जागरूक भी किया जा रहा है और उनके बीच बच्चों को भिक्षा नहीं देने के संबंध में भी जागरूकता फैलाई जा रही है। इस अभियान के तहत हरिद्वार, उधमसिंह नगर, नैनीताल और देहरादून में चार टीमों का गठन किया गया है और यह टीमें इस अभियान को जोरों-शोरों से चला रही हैं।

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डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि अभियान का उद्देश्य सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं के साथ ड्राइव चलाकर बच्चों द्वारा की जा रही भिक्षावृत्ति को रोकना है। पुलिस ने अभी तक इस अभियान के तहत डेढ़ हजार बच्चे चिन्हित कर लिए हैं और इनमें से कुल 750 बच्चों का पुलिस अब विभिन्न स्कूलों में दाखिला कराएगी। सबसे अधिक बच्चे देहरादून से चिन्हित किए गए हैं। 15 मार्च तक देहरादून में 480 बच्चे चिन्हित किए गए और उनमें से 123 बच्चों का स्कूल में एडमिशन किया जाएगा। हरिद्वार में 263 बच्चे चिह्नित किए गए जिनमें से 153 बच्चों का स्कूल में एडमिशन किया जाएगा। उधम सिंह नगर में भी 239 बच्चे चिन्हित किए गए जिनमें से 182 बच्चों को स्कूल के एडमिशन के लिए सिलेक्ट किया गया है। नैनीताल में 167 बच्चे चिन्हित किए गए हैं और उनमें से 50 बच्चों का स्कूल में एडमिशन होगा। चंपावत में 162 बच्चे चिन्हित किए गए हैं और उन सभी 162 बच्चों का जल्द ही स्कूल में एडमिशन होगा।