श्रीनगर गढ़वाल: उत्तराखंड से एक बेहद बुरी खबर सामने आ रही है। श्रीनगर गढ़वाल की मूल निवासी और उत्तराखंड राज्य की आंदोलनकारी और सेवानिवृत शिक्षिका पूनम गिरी का बीते मंगलवार को आकस्मिक निधन हो गया है। उनके आकस्मिक निधन से राज्य के आंदोलनकारियों के बीच शोक की लहर पसर गई है और हर कोई सोशल मीडिया पर अपना शोक व्यक्त कर रहा है। आंदोलनकारी और सेवानिवृत शिक्षिका पूनम गिरी के आकस्मिक निधन से राज्य के आंदोलनकारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ ही विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों में भी शोक की लहर छा गई है। उनके निधन से पहले तक उनका स्वास्थ्य ठीक बताया जा रहा था और उनको कोई भी गंभीर समस्या नहीं थी। मगर मंगलवार को अचानक उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई जिसके बाद उनको बेस अस्पताल लाया गया जहां पर उन्होंने दम तोड़ दिया। आपको बता दें कि पूनम गिरी उत्तराखंड की सक्रिय आंदोलनकारी रही हैं और उन्होंने कई अहम मुद्दे भी उठाए हैं। उन्होंने गलत फैसलों के खिलाफ आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। पूनम गिरि राज्य निर्माण आंदोलन में भी प्रमुख आंदोलनकारी रही थीं और उन्होंने राज्य निर्माण आंदोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था। उनकी उस आंदोलन में अहम भूमिका रही थी। आगे पढ़िए
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आंदोलनकारी पूनम गिरी पेशे से शिक्षिका थीं और उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और बतौर शिक्षक उन्होंने अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी के साथ निभाई। शिक्षण के कार्य के साथ ही उनका लगाव आंदोलन की तरफ बढ़ता ही गया है। प्रमुख आंदोलनकारी और प्रगतिशील जन मंच के अध्यक्ष अनिल स्वामी ने उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी पूनम गिरी के आकस्मिक निधन पर अपना शोक व्यक्त किया है और उन्होंने कहा है कि उनका आकस्मिक निधन समाज के लिए एक बड़ी क्षति है। वहीं राज्य आंदोलनकारी शकुंतला राणा ने कहा है कि पूनम गिरी के निधन से आंदोलनकारियों के बीच में गहरा शोक पसर गया है। राज्य निर्माण आंदोलनकारी और गढ़वाल विश्वविद्यालय में कार्यरत राजेंद्र रावत ने कहा है कि राज्य निर्माण में पूनम गिरी की महत्वपूर्ण भूमिका है और उनकी भूमिका उत्तराखंड हमेशा याद रखेगा। उन्होंने कहा है कि पूनम गिरी ने उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन के दौरान भारी संघर्ष किया है। पूनम गिरी के निधन के बाद से उनके परिवार में और राज्य के आंदोलनकारियों के बीच शोक की लहर पसर गई है।