उत्तराखंड देहरादूनBlack fungus medicine will be made in Uttarakhand

गुड न्यूज: अब उत्तराखंड में तैयार होगी ब्लैक फंगस की कारगर दवा..दो जिलों में फैक्ट्रियां तैयार

उत्तराखंड में बड़े स्तर पर होगा ब्लैक फंगस के लिए कारगर दवाई इंफोटेरिसिन-बी का उत्पादन। प्रदेश के दो जिलों में स्थापित हुईं दवाई के उत्पादन के लिए फैक्ट्रियां

Uttarakhand black fungus: Black fungus medicine will be made in Uttarakhand
Image: Black fungus medicine will be made in Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: कोरोना वायरस के बीच में उत्तराखंड में ब्लैक फंगस नामक जानलेवा बीमारी ने कोहराम मचाया हुआ है। ब्लैक फंगस लोगों के लिए मुसीबत बनती जा रही है। आपको बता दें कि यह जानलेवा बीमारी उन लोगों को होती है जो या तो कोरोना से रिकवर हो चुके होते हैं या फिर जो इस वायरस से जूझ रहे होते हैं। ऐसे में लोगों की कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता पर यह फंगस अटैक करती है। उत्तराखंड राज्य में ब्लैक फंगस के अब तक कई मामले सामने आ चुके हैं। उत्तराखंड में ब्लैक फंगस के अब तक 48 मरीज सामने आ चुके हैं जिनमें से 3 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है और स्वास्थ्य विभाग के लिए यह चिंता का विषय बनता जा रहा है। मगर इसी बीच उत्तराखंड से एक अच्छी खबर सामने आ रही है। उत्तराखंड में इस जानलेवा फंगस की जल्द ही दवा लोगों तक उपलब्ध होगी और राज्य की दो फैक्ट्रियों में इस फंगस से बचाने वाली कारगर दवा का उत्पादन होगा। जी हां, ब्लैक फंगस के इलाज में काम आने वाली दवाई एंफोटेरिसिन-बी का उत्पादन जल्द ही उत्तराखंड राज्य में शुरू होने वाला है और प्रदेश में इसके लिए दो फैक्ट्रियां भी तैयार हो चुकी हैं।बीते बुधवार को केंद्र की टीम उत्तराखंड में इन दोनों फैक्ट्रियों का निरीक्षण करने पहुंची

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स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने बताया कि यह दो फैक्ट्रियां उत्तराखंड के हरिद्वार और उधम सिंह नगर में तैयार हो चुकी हैं और जल्द ही इन फैक्ट्रियों में ब्लैक फंगस की दवाइयों का उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि केंद्र की टीम बीते बुधवार को हरिद्वार और उधम सिंह नगर में इन दोनों फैक्ट्रियों का निरीक्षण करने पहुंचीं और अनुमति मिलने के बाद इनमें दवाइयों का उत्पादन युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया जाएगा और उत्तराखंड अपने लोगों के साथ ही अन्य राज्यों को भी दवाइयों की आपूर्ति कर पाएगा। आपको बता दें कि इस ब्लैक फंगस के इलाज के लिए अभी तक 50 वायल आ चुकी हैं और 500 और वायल की डिमांड केंद्र सरकार में भेज दी गई है। एम्स ऋषिकेश ने 7500 वायल की डिमांड केंद्र सरकार में भेजी है। वहीं स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी का कहना है कि उत्तराखंड में ब्लैक फंगस की दवाइयों की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इंफोटेरिसिन-बी का उत्पादन शुरू हो जाएगा। इसी के साथ सचिव अमित नेगी ने बताया है कि रूस की कोविड स्फूतनिक खरीदने के लिए सरकार ने टेंडर जारी कर दिया है और उम्मीद जताई जा रही है कि अगले 1 महीने में स्फूतनिक वैक्सीन उत्तराखंड में भी उपलब्ध हो जाएगी और जल्द ही कोवैक्सीन एवं कोविशील्ड के साथ स्फूतनिक को भी प्रदेश में वैक्सिनेशन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।