उत्तराखंड देहरादूनUttarakhand Board decides the formula for giving numbers to the examinees

उत्तराखंड बोर्ड परिक्षार्थियों इस बार कैसे मिलेंगे नंबर? तय हुआ फॉर्मूला..2 मिनट में जान लीजिए

शिक्षा विभाग ने हाईस्कूल और इंटर के छात्रों के रिजल्ट के लिए फॉर्मूला तय कर दिया है। जो छात्र इससे संतुष्ट नहीं होंगे, उन्हें परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाएगा।

Uttarakhand Board Students: Uttarakhand Board decides the formula for giving numbers to the examinees
Image: Uttarakhand Board decides the formula for giving numbers to the examinees (Source: Social Media)

देहरादून: कोविड के कारण इस साल 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द करनी पड़ीं। परीक्षाएं नहीं हुईं, लेकिन सत्र जारी रहेगा। परीक्षाएं रद्द होने पर स्टूडेंट्स का रिजल्ट कैसे तैयार होगा, इसे लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। अब उत्तराखंड बोर्ड ने रिजल्ट को लेकर बना सस्पेंस खत्म कर दिया है। बोर्ड ने 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए मार्किंग का फॉर्मूला तय कर दिया है। एग्जाम रद्द होने के बाद अब इसी फॉर्मूले के आधार पर मार्क्स दिये जाएंगे और रिजल्ट बनेगा। डिटेल के लिए हमारे साथ बने रहिए। छात्र-छात्राओं के मूल्यांकन में पिछली कक्षाओं में मिले अंकों की अहम भूमिका होगी। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने बताया कि 10वीं और 12वीं की बोर्ड कक्षाओं के रिजल्ट के लिए अंक देने के फार्मूले पर सहमति बन गई है।

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अंक निर्धारण के लिए शिक्षा महानिदेशक विनय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी। जिसने छात्र-छात्राओं के अंक निर्धारण के लिए फॉर्मूले पर विचार किया था। इसके अनुसार 10वीं के लिए नौवीं की कक्षा में प्राप्तांकों का 75 फीसदी और 10वीं में आंतरिक मूल्यांकन के अंकों के 25 फीसदी के माध्यम से अंक निर्धारित किए जाएंगे। इसी तरह 12वीं के लिए 10वीं कक्षा के प्राप्तांकों का 50 फीसदी, 11वीं कक्षा के प्राप्तांकों का 40 फीसदी और आंतरिक मूल्यांकन के अंकों का 10 फीसदी जोड़कर रिजल्ट तैयार किया जाएगा। शिक्षकों के संगठन और प्रधानाचार्य परिषद ने अपने सुझावों में कोरोना की वजह से 10वीं और 12वीं की कक्षाओं में प्री-बोर्ड परीक्षाएं, मासिक परीक्षा और अन्य आंतरिक मूल्यांकन के लिए परीक्षाएं नहीं होने का जिक्र किया था। समिति ने इन सुझावों पर भी गौर किया है।

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शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने बताया कि तमाम परिस्थितियों पर विचार करने के बाद समिति ने अंक निर्धारण फॉर्मूले को अंतिम रूप दिया है। इस पर सहमति बन चुकी है। जो छात्र-छात्राएं इस फॉर्मूले से संतुष्ट नहीं होंगे, उन्हें परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाएगा। आपको बता दें कि इस साल 10वीं और 12वीं कक्षा के 2.71 लाख से ज्यादा छात्रों को परीक्षा देनी थी, लेकिन कोविड के चलते परीक्षाएं टालनी पड़ीं। 10वीं की परीक्षा में 1.48 लाख और 12वीं की परीक्षा में 1.23 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। शिक्षा मंत्री पहले ही कह चुके हैं कि बोर्ड कक्षाओं में इस साल किसी भी परीक्षार्थी को फेल नहीं किया जाएगा। समिति बुधवार को अंकों के लिए तय फॉर्मूले के संबंध में अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी। इसके आधार पर जल्द शासनादेश जारी किया जाएगा।