देहरादून: ट्रैफिक संबंधी नियम लोगों की सुरक्षा के लिए बने हैं, लेकिन बड़े अफसोस की बात है कि लोग आज तक इनका पालन करना नहीं सीख पाए। ट्रैफिक रूल्स की अनदेखी करना लोगों की आदत में शामिल हो चुका है। अगर आप भी गाहे-बगाहे ऐसा करते हैं तो तुरंत संभल जाएं। उत्तराखंड में गाड़ी चलाते वक्त सतर्क रहें। अगर आपने ट्रैफिक रूल्स का उल्लंघन किया तो इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। अगर आप दूसरी बार ट्रैफिक रूल्स तोड़ते पकड़े गए तो छह महीने के लिए लाइसेंस सस्पेंड किया जाएगा। जबकि तीसरी बार पकड़े जाने पर एक साल के लिए लाइसेंस निलंबित होगा। मुख्य सचिव एसएस संधू ने परिवहन विभाग को यातायात नियमों के पालन में सख्ती बरतने को कहा है। बुधवार को सचिवालय में राज्य स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक हुई। बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि लाइसेंस जारी करते समय ट्रायल-ट्रेस्टिंग की वीडियो रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखी जाए। उन्होंने ट्रायल का डेटा पोर्टल पर नियमित अपलोड करने को कहा, ताकि कोई भी व्यक्ति बिचौलिए के माध्यम से लाइसेंस न बनवा सके।
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मुख्य सचिव ने सुरक्षित यातायात को लेकर जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को ब्लैक स्पॉट और दुर्घटना जोखिम वाले क्षेत्रों को वर्गीकृत करते हुए सुधारीकरण के काम करने को कहा। ये भी कहा कि जितना संभव हो सके सड़क मार्गों पर साइकिल ट्रैक भी बनवाए जाएं। परिवहन विभाग और यातायात पुलिस मुख्य जगहों पर सीसीटीवी कैमरे के साथ ही राडार और स्पीड इंटरसेप्टर तकनीक का इस्तेमाल करें। उन्होने बिना हेलमेट वाहन चलाने वालों से हेलमेट का चार्ज लेकर नया हेलमेट देने को कहा। साथ ही जुर्माना की कम से कम पचास प्रतिशत धनराशि वसूलने के भी निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित लंबित मजिस्ट्रेट जांच दो माह के भीतर निस्तारित करने को कहा है। इसके अलावा जो लोग ट्रैफिक नियम का उल्लंघन करते पकड़े जाएंगे, उनका ड्राइविंग लाइसेंस एक साल तक के लिए निलंबित किया जा सकता है। बैठक में डीजीपी अशोक कुमार, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी और आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन भी मौजूद थे।