पिथौरागढ़: पिथौरागढ़ के धारचूला में आया तबाही का सैलाब अपने पीछे कई रुलाने वाली कहानियां छोड़ गया। जामुनी तोक में हुई आपदा में 5 लोगों की जान चली गई। इनमें चंद्र सिंह भी शामिल हैं। तबाही की आहट मिलते ही चंद्र सिंह भागकर अपने भाई के घर गए और परिजनों को सचेत किया, लेकिन जब तक वो पत्नी और तीन भतीजियों को जगाने के लिए घर लौटकर आए, तब तक मौत घर के द्वार तक पहुंच गई थी। देखते ही देखते उनका मकान मलबे में तब्दील होकर सैलाब संग बह गया। जामुनी तोक में रहने वाले दो भाई चंद्र सिंह और जोगा सिंह के मकान अगल-बगल स्थित थे। रविवार रात जब मूसलाधार बारिश हुई तो काली नदी के शोर और भूस्खलन से धरती कांपने लगी। चंद्र सिंह को अनहोनी का अंदाजा हो गया था। दुर्भाग्य से उस दिन चंद्र सिंह के भाई जोगा सिंह की तीनों बेटियां अपने चाचा चंद्र सिंह के घर में सोई थीं। तेज बारिश के कारण जब पहाड़ी की ओर से मलबा आने लगा तो चंद्र सिंह की नींद खुल गई। आगे पढ़िए
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चंद्र सिंह भागकर अपने भाई जोगा सिंह के घर गए। जोगा सिंह ने अपनी पत्नी और दोनों बेटों को जगाया और सुरक्षित स्थान की ओर भाग निकले। इधर, चंद्र सिंह जैसे ही पत्नी और भतीजियों को जगाने के लिए घर के भीतर गया तब तक पहाड़ी से आए मलबे ने मकान को जमींदोज कर दिया। वहां मौजूद सभी पांच सदस्य देखते ही देखते मलबे में दफन हो गए। सुबह जोगा सिंह वापस लौटे तो उनके और छोटे भाई चंद्र सिंह के घर का नामोंनिशान मिट चुका था। हादसे में चंद्र सिंह और उनकी पत्नी लापता हैं। आपदा में अब तक 5 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। जिनमें संजना (15) पुत्री जोगा सिंह, रेनू (11) पुत्री जोगा सिंह, शिवानी (9) पुत्री जोगा सिंह, सुनीता पत्नी दीपक सिंह और पार्वती देवी पत्नी लाल सिंह शामिल हैं। चंद्र सिंह और उनकी पत्नी हाजरी देवी लापता हैं। जुम्मा गांव में रहने वाले 4 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। तीन बेटियों की मौत के बाद जोगा सिंह का परिवार सदमे में है। प्रकृति के इस कहर के बाद पूरा गांव सहमा हुआ है।