उत्तराखंड टिहरी गढ़वालCracks in mastic of dobra chanthi bridge

गढ़वाल: देश के सबसे लंबे सस्पेंशन ब्रिज की मास्टिक में दरार, 3 अरब में हुआ था तैयार

11 महीने के अंदर ही 50 मास्टिक में दरारें पड़ चुकी हैं, कहीं यहां भी रानीपोखरी जैसा हादसा न हो जाए, विकास के नाम पर क्यों हो रहा है यह घिनौना मजाक।

Dobra chanthi bridge cracks: Cracks in mastic of dobra chanthi bridge
Image: Cracks in mastic of dobra chanthi bridge (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: पिछले साल नवंबर में ही नई टिहरी के निवासियों को भारत का सबसे लंबा सस्पेंशन ब्रिज डोबरा चांठी पुल के रूप में अनमोल सौगात मिली थी। मगर पुल के निर्माण के 11वें महीने में ही यह साबित हो गया है कि जनता के साथ भद्दा मजाक किया गया है। 11 महीने के भीतर ही पुल की सच्चाई सबके सामने आ गई है। एक न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक उद्घाटन को अभी साल भर भी नहीं हुआ है और डोबरा चांठी पुल पर बिछी मास्टिक के जोड़ों में दरारें पड़ने लगी हैं। खबर के अनुसार 50 से अधिक मास्टिक के जोड़ों में दरार पड़नी शुरू हो गई है। लोग निर्माणदाई गुप्ता कंपनी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जांच की मांग कर रहे हैं। 15 साल से इस पुल के निर्माण को लेकर टिहरी की जनता ने लंबी लड़ाई लड़ी है। 15 साल के बाद इस पुल ने आकार लिया है मगर आकार लेते ही यह पुल टूटने की कगार पर है। उद्घाटन के समय भी इस पुल पर दरार पड़ी थी जिसको कंपनी ने उसी समय ठीक करवा दिया था मगर एक बार फिर से 50 से अधिक मास्टिक में दरारें पड़ गई हैं जिसके बाद निर्माणदाई गुप्ता कंपनी और उसकी घटिया कार्यप्रणाली की असलियत सामने आ चुकी है।

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साल भर के भीतर ही सस्पेंशन ब्रिज के ऊपर मास्टिक के जोड़ों में दरारें पड़ने से जनता के अंदर आक्रोश साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। लोगों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल लिया है और मुख्यमंत्री धामी से गुप्ता कंपनी के खिलाफ जांच की मांग कर रहे हैं। ब्रिज पर पड़ीं दरारें यह सबूत हैं कि निर्माणदाई कंपनी ने घटिया माल के साथ पुल का निर्माण किया है और यही कारण है कि यह पुल साल भर भी टिक नहीं पाया और इसमें 50 दरारें पड़ चुकी हैं। प्रताप नगर के लोगों ने मांग की है कि गुप्ता कंपनी के खिलाफ जांच होनी चाहिए। प्रतापनगर की जनता का कहना है कि अगर पुल पर घटिया तरीके से मास्टिक बिछाने वाले गुप्ता कंपनी के खिलाफ जांच करते हुए सख्त कार्रवाई नहीं की जाती है तो जनता आंदोलन के लिए बाध्य होगी।।अगर समय रहते इस पुल पर ध्यान नहीं दिया गया तो कहीं यहां भी रानीपोखरी पुल जैसा हादसा न हो जाए। पुल के उपर बिछाई गई मास्टिक पर 4 बार दरार पड़ गई हैं। गुप्ता कंपनी मास्टिक पर पड़ी दरार पर केमिकल भरकर लीपापोती कर देती है.

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खबर के मुताबिक 2 दिन पहले भी मास्टिक पर पड़ी दरार पर केमिकल भरकर कच्चा काम किया था। अबतक 50 मास्टिकों में दरारे पड़ चुकी हैं। प्रताप नगर के लोगों ने अब इस पुल के मामले में थर्ड पार्टी से जांच करवाने की मांग की है। बीते 8 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस से एक दिन पहले सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पुल का उद्घाटन किया था। इसी के साथ पुल लोगों की आवाजाही के लिए खुल गया, लेकिन अब देश के सबसे लंबे सिंगल लेन सस्पेंशन ब्रिज के निर्माण में गुणवत्ता में लापरवाही का मामला सामने आया है, जिससे जनता में आक्रोश है। डोबरा चांठी पुल का निर्माण 2005 में शुरू किया गया था। इसे बनने में 15 साल का समय लगा। 8 नवंबर 2020 को इसका उद्घाटन किया गया। डोबरा-चांठी पुल की कुल लंबाई 725 मीटर है। जिसमें 440 मीटर सस्पेंशन ब्रिज हैं और 260 मीटर आरसीसी डोबरा साइड है। जबकि 25 मीटर गार्डर चांठी साइड है। पुल की कुल चौड़ाई सात मीटर है, जिसमें मोटर मार्ग की चौड़ाई 5.50 (साढ़े पांच) मीटर है।