उत्तराखंड पिथौरागढ़Uttarakhand Chiyalekh Valley of Flowers

उत्तराखंड का छियालेख..इसे भी कहते हैं फूलों की घाटी, स्वर्ग से कम नहीं ये जगह..देखिए तस्वीरें

Chiyalekh Valley of Flowers के रूप में मशहूर है। भादो महीने में ये घाटी करीब हजार प्रजाति के सुंदर फूलों से खिल उठती है।

Chiyalekh Valley of Flowers: Uttarakhand Chiyalekh Valley of Flowers
Image: Uttarakhand Chiyalekh Valley of Flowers (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: जब भी स्वर्ग जैसी वादियों का जिक्र होता है, तो हमारे जहन में स्विट्जरलैंड की तस्वीर घूम जाती है। यहां की खूबसूरत पहाड़ियां, चारों तरफ हरियाली, नदियां और झीलें पूरी दुनिया में मशहूर हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उत्तराखंड में भी ऐसी कई जगहें हैं, जो खूबसूरती के मामले में स्विट्जरलैंड से जरा भी कम नहीं हैं। पिथौरागढ़ का Chiyalekh Valley of Flowers ऐसी ही जगहों में से एक है। यहां 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित फूलों की घाटी को देखकर आपको स्वर्ग की अनुभूति होगी। यहां से अन्नपूर्णा और ह्या नमज्युंग पर्वत-शिखरों के विहंगम दर्शन होते हैं। छियालेख फूलों की घाटी के रूप में मशहूर है। भादो महीने में ये घाटी करीब हजार प्रजाति के सुंदर फूलों से खिल उठती है। जिनमें प्रीटा रॉयली, ब्रह्मकमल, प्रिंक प्रिमूला, गोल्डन लिली, क्रीमी अनीमोन, लार्ज पर्पल एस्टर, ब्ल्यू पॉपी और ब्ल्यू फारगेट मी नाट जैसे सैकड़ों फूल शामिल हैं। पहले ये जगह सिर्फ वही यात्री देख पाते थे, जो कैलाश मानसरोवर और छोटा कैलाश की यात्रा पर निकलते थे। अब छियालेख तक सड़क पहुंच गई है।
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    इससे यात्री आसानी से यहां तक पहुंच सकेंगे, लेकिन सड़क निर्माण की वजह से छियालेख के बुग्यालों में स्थित फूलों को नुकसान पहुंचने लगा है। यहां मिलने वाली दुर्लभ जड़ी बूटियों पर व्यापक शोध किया जाना चाहिए। इसके जरिये स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं। साथ ही यहां फूलों की घाटी का संरक्षण करने की भी जरूरत है, ताकि देश-विदेश से सैलानी यहां पहुंचकर फूलों की घाटी का दीदार कर सकें।

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    छियालेख पहुंचने के लिए पिथौरागढ़ से छियालेख तक 144 किमी का सफर तय करना होता है। छियालेख भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का पहला बड़ा केंद्र भी है। जहां सेना के जवान हर वक्त मुस्तैद रहते हैं। चीन और नेपाल बॉर्डर से लगे छियालेख में इनरलाइन मौजूद है, इसलिए यहां से आगे जाने के लिए परमिट भी जरूरी है। बिना परमिट के छियालेख में मौजूद आईटीबीपी, एसएसबी और सेना के जवान आपको आगे नहीं बढ़ने देंगे, इसलिए यहां आते वक्त परमिट लेना बिल्कुल न भूलें।