देहरादून: अगर आपको भी कुत्ता पालने का शौक है तो यह खबर आपके लिए है। देहरादून में कुत्ता पालने के लिए अब डॉग लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया है। जल्द से जल्द अपने डॉग का लाइसेंस बनवा दीजिए नहीं तो आपके ऊपर भी कानूनी कार्यवाही हो सकती है। जी हां, नगर निगम पालतू कुत्तों का लाइसेंस न बनवाने वालों पर ताबड़तोड़ कार्यवाही करते हुए 50 लोगों का चालान काट चुका है। इन व्यक्तियों ने अपने पालतू कुत्ते का लाइसेंस नहीं बनवाया था। ऐसा ना करने पर 5 हजार रुपए तक का जुर्माना है। साथ ही आपके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हो सकता है। निगम ने रेजीडेंट वेलफेयर सोसाइटी में शिविर लगाकर पालतू कुत्तों का पंजीकरण करना भी शुरू कर दिया है। नगर निगम के वरिष्ठ नगर पशु चिकित्साधिकारी डा. डीसी तिवारी के निर्देशन में बीते रविवार को पैसेफिक हिल सोसाइटी में शिविर लगाकर 18 व्यक्तियों के पालतू कुत्तों का पंजीकरण कर लाइसेंस बनाया गया और 22 व्यक्तियों से आनलाइन आवेदन कराया गया। दून में पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है। मगर नगर निगम की चेतावनी के बावजूद दूनवासी अपने पालतू कुत्ते का पंजीकरण नहीं करा रहे हैं।
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केवल यही नहीं, जिन्होंने पिछले वर्ष पंजीकरण कराया था, वह नवीनीकरण कराने नहीं आ रहे। बता दें कि पिछले वर्ष नगर निगम में लगभग 4000 कुत्तों का पंजीकरण हुआ था, जिसमें इस वर्ष अभी तक केवल 800 कुत्तों का पंजीकरण नवीनीकरण कराया गया है। ऐसे में अब निगम ने चार टीमें कुत्तों के मालिकों पर जुर्माने की कार्रवाई के लिए मैदान में उतार दी हैं। पंजीकरण नहीं होने पर पहली बार पकड़े जाने पर 500 रुपये का चालान किया जाएगा। दूसरी बार पकड़े जाने पर 5000 रुपये का चालान व तीसरी बार मुकदमा दर्ज किया जाएगा। शहर में एक अनुमान के अनुसार पालतू कुत्तों की संख्या 30 हजार के आसपास है। निगम के वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी डा. दिनेश चंद्र तिवारी के अनुसार शहर में सुबह-शाम पालतू कुत्तों के साथ सैर के लिए निकलते हुए यह कुत्ते जगह-जगह गंदगी फैलाते हैं।
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नगर निगम पिछले कुछ दिनों से पालतू कुत्तों का पंजीकरण कराने को लेकर गंभीर हो चला है। पंजीकरण न कराने वाले 50 मालिकों पर अबतक कार्यवाही हो चुकी है। दून नगर निगम प्रशासन ने इस बार लोगों की सहूलियत के लिए ऑनलाइन लाइसेंस प्रक्रिया की शुरुआत की है। वहीं, बिना लाइसेंस कुत्तों को घूमाने वालों के खिलाफ टीम लगातार कार्रवाई कर रही है। पंजीकरण फार्म भरते वक्त इन बातों का ध्यान अवश्य रखें। पशु चिकित्सक से रैबीज से बचाने को लगने वाले टीके के लगे होने का प्रमाण-पत्र लाना अनिवार्य है।जीवाणुनाशक का प्रमाण पत्र भी साथ लाना होगा। पंजीकरण होने के बाद नगर निगम संबंधित व्यक्ति को उसके नाम और पते वाला एक टोकन देगा। पंजीकरण के लिए 200 रुपये शुल्क जमा करवाना होगा।