श्रीनगर गढ़वाल: पहले टिहरी, फिर उत्तरकाशी और अब श्रीनगर...मरे हुए लोगों का हक डकारने वाले नपने लगे हैं। सबसे पहले टिहरी के कोषागार में 2 करोड़ 42 लाख के गबन का मामला सामने आया। जिसके बाद प्रदेश के दूसरे कोषागारों में भी जांच बैठा दी गई।
Uttarakhand Treasury Scams:
टिहरी गढ़वाल कोषागार में 2 करोड़ 42 लाख के बाद जनवरी के पहले हफ्ते में उत्तरकाशी के कोषागार में भी इसी तरह का घपला उजागर हुआ। यहां 42 लाख रुपये का गबन हुआ था। अब पौड़ी गढ़वाल का नंबर है। यहां उप कोषागार श्रीनगर में लेखाकारों की ओर से पेंशनरों के खातों से 38 लाख से ज्यादा की धनराशि के गबन का मामला सामने आया है। कोषागार के अधिकारियों ने पुलिस को मामले की शिकायत सौंपी है।
शिकायत मिलने के बाद श्रीनगर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। श्रीनगर उप कोषागार के ट्रेजरी ऑफिसर नरेंद्र खत्री ने कोतवाली श्रीनगर में एक शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में बताया गया कि कोषागार में कार्यरत लेखाकार सुभाष चंद और लेखाकार हरि दर्शन बिष्ट की ओर से दस्तावेजों में हेर-फेर किया गया है।
ये भी पढ़ें:
Pauri Grahwal Treasury Scam
पौड़ी गढ़वाल ट्रेज़री में दोनों आरोपियों ने करीब साढ़े 38 लाख रुपये का गबन किया है। एक आरोपी लेखाकार हरि दर्शन बिष्ट की मौत हो चुकी है। पुलिस ने बताया कि आरोपी लेखाकारों ने मृतक रिटायर कर्मियों की पेंशन अपने अकाउंट में ट्रांसफर की। इसके लिए फर्जी दस्तावेजों का भी इस्तेमाल किया गया। आरोपी मृतक पेंशनरों की पेंशन अपने परिचितों के खाते में ट्रांसफर करते थे। बाद में उन्हें कमीशन देकर रकम वापस ले लिया करते थे।
इस मामले की जांच कोतवाली श्रीनगर एसएसआई रणवीर रमोला कर रहे हैं। कोषागार पौड़ी में भी 15 लाख से अधिक की धनराशि के गबन का मामला सामने आया है। मामले में पुलिस ने लेखा लिपिक नितिन रावत के खिलाफ सरकारी धन के गबन और दस्तावेज गायब करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। नितिन रावत पर 15 लाख 36 हजार 362 रुपये के सरकारी धन के गबन का आरोप है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। दोनों ही मामलों में आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।