हरिद्वार: उत्तराखंड का हरिद्वार जिला... यहां पर अब केवल जीवित ही नहीं मृतकों को भी वैक्सीन लग रही है। केवल इतना ही नहीं मृतक व्यक्तियों को वैक्सीन लगाने के बाद यहां पर उनके पास सर्टिफिकेट भी भेजा जा रहा है। यह अनोखा कारनामा सुनकर चौंकिए मत, क्योंकि यह सच है। हरिद्वार में अबतक स्वास्थ्य विभाग के कई फर्जीवाड़े सामने आ चुके हैं। लोगों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। हरिद्वार कुंभ कोरोना टेस्टिंग घोटाले का मामला अभी शांत हुआ भी नहीं था कि स्वास्थ्य विभाग का एक और चौंकाने वाला घोटाला सामने आया है। स्वास्थ्य विभाग का यह कारनामा सुनकर आप भी चौंक जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग ने एक मृतक को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ लगाने के बाद इतिहास रच डाला है। जी हां, यहां पर स्वास्थ्य विभाग जीवित लोगों के साथ ही मृतक लोगों का वैक्सीनेशन भी कर रहा है। इतनी समाज सेवा देखी है आपने कहीं पर? केवल इतना ही नहीं पहली डोज़ उसको तब लगाई गई जब संबंधित व्यक्ति का देहांत हुए 1 महीना हो गया था। दिवंगत व्यक्ति के मोबाइल पर बकायदा दोनों डोज़ लगाने का सर्टिफिकेट भी भेजा गया है। इससे पहले आप और अधिक चौंके चलिए आपको बता दें कि आखिर यह पूरा मामला क्या है। दरअसल अप्रैल 2021 में स्वर्गवासी हो चुके 75 वर्षीय बुजुर्ग को स्वास्थ्य विभाग ने मरने के 1 माह के बाद पहली एवं 9 महीने के बाद दूसरी डोज़ का सर्टिफिकेट जारी कर दिया है। सबसे बड़ी बात यह है कि मृतक के फोन का प्रयोग मरने के बाद से परिवार के लोग कर रहे हैं। लेकिन उनके पास पहली डोज़ लगने का कोई भी मैसेज सामने आया ही नहीं। विभाग ने दोनों डोज़ का सर्टिफिकेट एक साथ जारी कर दिया है जिसमें पहली एवं दूसरी डोज़ लगाने की पूरी जानकारी दी गई है। स्वास्थ्य विभाग के सर्टिफिकेट के अनुसार व्यक्ति को पहली डोज़ तब लगी जब उनको मरे हुए 1 महीना हो गया था और दूसरी डोज़ 9 महीने के बाद लगी। दोनों डोज़ का सर्टिफिकेट विभाग ने परिवार वालों को भेज दिया। उसके बाद परिवार वाले भी चौंक गए।
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दरअसल बीते गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से 9 महीने पूर्व स्वर्गवासी हो चुके 76 वर्षीय सतीश कुमार गुप्ता निवासी हरिद्वार के फोन पर मैसेज आया कि उनको आज कोरोना की दूसरी डोज़ लगा दी गई है। विभाग द्वारा बकायदा उनके पंजीकृत फोन पर दोनों डोज़ लगाने का सर्टिफिकेट जारी किया गया। हैरानी तो तब हुई जब सतीश की मौत 26 अप्रैल को हुई जबकि 16 मई 2021 को उनको पहली डोज लगी। मृतक सतीश कुमार गुप्ता के बेटे अमित गुप्ता का कहना है कि उनकी पिता की मृत्यु 26 अप्रैल को हुई। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए सर्टिफिकेट के अनुसार उनके पिता को 16 मई को वैक्सीन की पहली डोज़ लगी। लेकिन पहली डोज़ लगने का उनके फोन पर कोई मैसेज नहीं आया। सर्टिफिकेट आने के बाद पूरा परिवार हैरान है। सर्टिफिकेट जारी कर विभाग में जो फर्जीवाड़ा किया जा रहा है उसके खिलाफ कड़ी जांच की जानी चाहिए। वहीं हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीएमओ डॉक्टर कुमार खगेंद्र का कहना है कि कभी कभी एक मोबाइल से चार लोगों को लिंक किया जाता है। परिवार के अन्य लोगों के साथ हो सकता है मृतक का डाटा भी लीक हो गया हो जिस कारण उनको सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया है। हम इस बात की गहराई से जांच कराएंगे कि क्या वास्तव में यह तकनीकी भूल है या फिर इसमें कोई बडी गड़बड़ी है। अगर इसमें किसी भी तरह की कोई लापरवाही पाई जाती है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।