रुद्रप्रयाग: फरवरी का महीना बीतने वाला है लेकिन मौसम राहत देता नहीं दिख रहा। प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में बर्फबारी का दौर थम चुका है, लेकिन पिछले दिनों हुई बर्फबारी के चलते पर्वतीय इलाकों में जो नुकसान हुआ है, उससे उबरने में अभी कुछ वक्त और लगेगा। कई जगह सड़कों को खोलने का काम जारी है। बात करें केदारनाथ धाम की तो केदारपुरी में भी बर्फबारी से भारी नुकसान हुआ है। फिलहाल प्रशासन की टीम को केदारपुरी भेजा गया है, जिसे नुकसान का जायजा लेने की जिम्मेदारी दी गई है।
Heavy snowfall in Kedarnath
शीतकाल के दौरान केदारपुरी में करोड़ों का नुकसान होने का अनुमान है। पिछले साल भी भारी बर्फबारी के चलते केदारपुरी और लिनचोली में करोड़ों की संपत्ति क्षतिग्रस्त हो गई थी। इस बार बर्फबारी का दौर लंबे वक्त तक चलता रहा, जिससे नुकसान बढ़ने की आशंका है। हालांकि क्षेत्र में कितना नुकसान हुआ है। इसका सही आंकलन अप्रैल महीने में बर्फ पिघलने के बाद ही किया जा सकेगा। फिलहाल नुकसान का जायजा लेने के लिए प्रशासन की ओर से एक टीम को केदारपुरी भेजा गया है। बता दें कि दिसंबर में भारी बर्फबारी के चलते केदारनाथ क्षेत्र को जोड़ने वाली विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त हो गई थी। आगे पढ़िए
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फिलहाल यहां दूरसंचार सेवा भी ठप है। भारी बर्फबारी के चलते पिछले साल भी गढ़वाल मंडल विकास निगम के कॉटेज को भारी नुकसान पहुंचा था। ऐसे में यात्रा के लिए प्रशासन को काफी पसीना बहाना पड़ा। इस बार ज्यादा बर्फबारी हुई है। जिसके चलते नुकसान ज्यादा होने की आशंका है। इतना ही नहीं पिछले साल ग्लेशियर के टुकड़ों के चपेट में आने से पैदल मार्ग पर तीन लोगों की मौत हो गई थी। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने कहा कि बर्फबारी से भारी नुकसान की आशंका को देखते हुए एक टीम को स्थिति का जायजा लेने के लिए केदारपुरी भेजा गया है। उसकी रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की रणनीति तय की जाएगी। केदारपुरी में इस बार भी रिकॉर्ड बर्फबारी हुई है। इन दिनों यहां पांच से छह फीट बर्फ जमी है। जबकि लिनचोली और केदारनाथ के बीच छह स्थानों पर बीस फीट से अधिक बर्फ है। यहां नवंबर से बर्फबारी शुरू हो गई थी, जो कि अभी भी जारी है।