उत्तराखंड ऋषिकेशRules are being ignored in Rishikesh water rafting

ऋषिकेश राफ्टिंग के नाम पर जान से खिलवाड़, उफनती लहरों के बीच ओवरलोडिंग का खेल

Rishikesh water rafting के दौरान खानापूर्ति के लिए पुरानी लाइफ जैकेट और हेलमेट पहना दिया जाता है। कई बार राफ्ट पलटने से पर्यटकों की लाइफ जैकेट खुल जाती है।

Rishikesh water rafting: Rules are being ignored in Rishikesh water rafting
Image: Rules are being ignored in Rishikesh water rafting (Source: Social Media)

ऋषिकेश: योगनगरी ऋषिकेश में साहसिक खेलों का खूब क्रेज है। दूर-दूर से ऋषिकेश में युवा अपने दोस्तों और परिवार के साथ में राफ्टिंग, बंजी जंपिंग इत्यादि साहसिक गतिविधियां करने आते हैं। खासकर कि युवाओं के बीच राफ्टिंग का बड़ा क्रेज है और Rishikesh water rafting व्यवसायियों का व्यापार भी अच्छा खासा बढ़ रहा है। मगर क्या आप यह जानते हैं कि ऋषिकेश में राफ्टिंग व्यवसाई अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में लोगों की जान खतरे में डाल रहे हैं।

Rules ignored in Rishikesh water rafting

जी हां, अधिक मुनाफा कमाने के फेर में वे 11 से 12 पर्यटकों को राफ्ट में बैठा देते हैं। जबकि एक राफ्ट में केवल 8 पर्यटकों को ही राफ्टिंग करने की अनुमति दी गई है। मगर इसके बावजूद भी वे 11 से 12 पर्यटकों को राफ्ट पर बैठा देते हैं जिससे राफ्ट का संतुलन बिगड़ जाता है। पर्यटक को खानापूर्ति के लिए पुरानी लाइफ जैकेट और हेलमेट पहना दिया जाता है जिनमें से कई बार गंगा की उफनती लहरों में राफ्ट पलटने से पर्यटकों की लाइफ जैकेट खुल जाती है। बीते शनिवार की शाम को ही फूलचट्टी के पास गंगा नदी में राफ्टिंग के दौरान गोल्फ कोर्स रैपिड में कोलकाता का एक पर्यटक राफ्टिंग के दौरान लापता हो गया। राफ्टिंग के दौरान वह नदी में गिर गया और उसकी जैकेट खुल गई जिसके बाद वह लापता हो गया। राफ्ट व्यवसायियों द्वारा धड़ल्ले से सुरक्षा मानकों का मखौल उड़ाया जा रहा है और क्षमता से अधिक पर्यटकों को बैठाया जा रहा है और अधिक मुनाफा कमाने के फेर में राफ्टिंग व्यवसाय पर्यटकों की जान से भी बड़ा खिलवाड़ कर रहे हैं।

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चलिए आपको बताते हैं कि राफ्टिंग के लिए कौन से सुरक्षा मानक तय किए गए हैं।

Rishikesh water Rafting Rules

पहला तो यह कि राफ्ट में केवल 8 पर्यटक को ही राफ्टिंग करने की अनुमति दी गई है। एक राफ्ट में पर्यटकों के साथ एक गाइड और एक हेल्पर अनिवार्य है। गाइड हेल्पर और अन्य सभी पर्यटकों को सुरक्षा उपकरण हेलमेट और लाइफ जैकेट पहनना अनिवार्य है। नदी में उतरने से पहले सभी पर्यटकों का लाइफ जैकेट को मजबूती से बांधना और फिर उसकी जांच करना भी अनिवार्य है। इसी के साथ में सूर्योदय और सूर्यास्त के बाद भी राफ्टिंग करना नियम के खिलाफ है। सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद गंगा में राफ्ट उतारना मना होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अंधेरे में अगर कोई पर्यटक गंगा में गिर जाता है तो उसको ढूंढना एसडीआरएफ के लिए मुश्किल हो जाता है। मगर उसके बावजूद भी संचालक मुनाफा कमाने के लिए शाम के अंधेरे में भी पर्यटकों को राफ्टिंग के लिए भेज देते हैं। इस पर संज्ञान लेते हुए टिहरी के जिला पर्यटन अधिकारी अतुल भंडारी का कहना है कि विभागीय स्तर पर इसकी जांच की जा रही है। राफ्ट संचालकों को सख्त दिशा-निर्देश जारी कर दिए जाएंगे और जो भी नियम तोड़ता हुआ नजर आएगा उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।