देहरादून: हमारी अगली खबर बच्चों की सुरक्षा से जुड़ी है। देश के कई राज्यों में बच्चों में होने वाली हैंड-फुट और माउथ डिजीज (एचएफएमडी) के केस हरिद्वार में भी सामने आने लगे हैं।
Hand Foot Mouth Disease Uttarakhand
जिला अस्पताल की ओपीडी में हर दिन एक से दो बच्चे इस बीमारी के लक्षणों के साथ पहुंच रहे हैं। सरकारी अस्पतालों के अलावा प्राइवेट अस्पतालों में भी एचएफएमडी के केस सामने आ रहे हैं। बीते कुछ दिनों में अभी तक एचएफएमडी बीमारी से पीड़ित करीब 20 बच्चे जिला अस्पताल में इलाज के लिए पहुंच चुके हैं। देश रक्षक तिराहे के निकट एक निजी अस्पताल में भी इस माह में अभी 15 बच्चे इस रोग के लक्षण वाले पहुंच चुके हैं। यहां आपको बीमारी के लक्षण और बचाव के उपाय भी बताते हैं। एचएफएमडी वायरल फीवर है। इस वायरल संक्रमण की वजह से बच्चों के हाथ पैरों, बांह की कलाई और मुंह पर लाल फफोले निकल जाते हैं। कुछ बच्चों को तेज बुखार भी होता है।
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कुछ को जोड़ों में दर्द, पेट में ऐंठन, जी मिचलाना, थकान-उल्टी आना, डायरिया, खांसी, छींक आना, नाक बहना और शरीर में दर्द की भी शिकायत होती है। ये काफी संक्रामक है, हालांकि ये खतरनाक नहीं है। यह बीमारी आमतौर पर 5 साल से कम उम्र के बच्चों को संक्रमित करती है। अगर कोई संक्रमित है तो उसको अन्य लोगों को संपर्क में नहीं आना चाहिए। आइसोलेशन में रहना जरूरी है। इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए संक्रमितों के बर्तन, कपड़े, रोजमर्रा में इस्तेमाल की जाने वाली अन्य वस्तुओं को साफ करना चाहिए। जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अखिलेश चौहान के मुताबिक एचएफएमडी से बच्चों को खतरा नहीं है, लेकिन लक्षणों के दिखते ही तुरंत इलाज कराना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग की ओर से वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।