पौड़ी गढ़वाल: पहाड़ों में अधिकांश सड़कें संकरी और बदहाल हैं। सड़कों पर सुरक्षा के इंतजाम भी नहीं हैं।
Bus accident in Pauri Garhwal 25 death
कई सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं। इतना ही नहीं कई सड़कें ऐसी भी हैं, जो आरटीओ से पास तक नहीं हैं। इन्हीं वजहों के चलते पहाड़ में हर दिन हादसे होते हैं। बीते दिन पौड़ी के कांडा जा रही एक बस भी सिमड़ी के पास अचानक खाई में जा गिरी। बस हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई, जबकि 21 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कुछ घायलों की हालत बेहद नाजुक है। वहीं हादसे को लेकर दूल्हे की कार के ड्राइवर ने एक और बात बताई है। आगे पढ़िए
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चालक धर्मेंद्र उपाध्याय ने बताया कि मेरी कार के आगे सांप आ गया था, जिसे देखकर मैंने अपनी कार पर ब्रेक लगा दिए। पीछे से आ रही बस अचानक अनियंत्रित हो गई। फिर मेरी कार को ओवरटेक कर आगे निकली बारातियों से भरी बस अचानक खाई में जा गिरी। चंद सेकेंड में सब खत्म हो गया। चालक धर्मेंद्र उपाध्याय हरिद्वार के लालढांग का रहने वाला है। बीते दिन वो कार में दूल्हे, उसकी बहन ,उसकी भाभी एवं पंडित को लेकर रवाना हुआ था। उसकी कार के पीछे ही बारातियों से भरी बस चल रही थी। बकौल धर्मेंद्र जैसे ही वह कांडा तल्ला गांव से करीब एक किलोमीटर पहले पहुंचे तो उसकी कार के आगे अचानक सांप आ गया। सांप को बचाने के चक्कर में उसने कार के ब्रेक लगा दिए। आगे पढ़िए
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इस बीच पीछे से आ रही बस के चालक ने ब्रेक लगाने के बजाय ओवरटेक करते हुए गाड़ी आगे बढ़ा दी। चंद सेकेंड में ही 500 मीटर आगे चलकर बस नीचे गहरी खाई में जा गिरी। यह देख कर कार में सवार दूल्हा, उसकी बहन, भाभी और पंडित के रोंगटे खड़े हो गए। वह भी तुरंत कार से बाहर निकल कर नीचे देखने लगे, लेकिन नीचे कुछ नहीं दिखाई दे रहा था। सिर्फ चीख-पुकार की आवाजें सन्नाटे को तोड़ रही थी। उधर हादसे (Bus accident in Pauri Garhwal) के बाद रेस्क्यू दल एक बार फिर बचाव अभियान में जुट गए हैं। स्वास्थ्य, पेयजल, खाद्य आपूर्ति, पुलिस, सूचना आदि विभागों को घटनास्थल पर ही जरूरी व्यवस्थाएं करने हेतु तैनात किया गया है।