उत्तराखंड बागेश्वरBenefit of Gaderi Vegetable Uttarakhand

उत्तराखंड का अमृत है गडेरी की सब्जी, डायबिटीज भगाए, शरीर का मेटाबोलिज्म मजबूत बनाए

गडेरी की सब्जी बनाने के कई तरीके हैं। कहीं इसे आलू के गुटके की तरह बनाया जाता है, तो कहीं मेथी और लाई के साथ मिलाकर स्वादिष्ट सब्जी बनाई जाती है।

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Image: Benefit of Gaderi Vegetable Uttarakhand (Source: Social Media)

बागेश्वर: पहाड़ी अनाज और सब्जियां स्वाद से भरपूर होने के साथ पौष्टिकता का खजाना भी हैं। सर्दी का मौसम शुरू हो चुका है, ऐसे मे पहाड़ में मिलने वाली सब्जियों की डिमांड बढ़ गई है।

Uttarakhand Gaderi Vegetable Benefits

पहाड़ में मिलने वाली पहाड़ी गडेरी ऐसी ही सब्जी है, जिसे खूब चाव से खाया जाता है। इस सब्जी को आमतौर पर टमाटर के साथ मिलाकर बनाया जाता है। पत्तों का इस्तेमाल भी सब्जी के तौर पर होता है। इसकी तासीर गर्म होती है, यही वजह है कि सर्दियों में इसका खूब सेवन किया जाता है। गडेरी बनाने के कई तरीके हैं। कहीं इसे आलू के गुटके की तरह बनाया जाता है, तो कहीं मेथी और लाई के साथ मिलाकर स्वादिष्ट सब्जी बनाई जाती है। भांग डालकर भी गडेरी की सब्जी बनाई जाती है, साथ ही इसके पापड़ भी बनते हैं। गडेरी की ही तरह एक और सब्जी भी होती है, जिसे पिनालू कहते हैं। इसकी तासीर ठंडी होती है।

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उत्पादन की बात करें तो वैसे तो ये अल्मोड़ा जिले में सबसे ज्यादा उगाई जाती है। हालांकि नैनीताल, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में भी इसकी खेती होती है। गडेरी बाजार में 40-50 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिल जाती है। स्वाद के साथ ही पोषण के मामले में भी गडेरी टॉप पर है। इसमें फाइबर, प्रोटीन, पोटेशियम, विटामिन ए, विटामिन सी, आयरन और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व मिलते हैं। इसमें मौजूद फाइबर शरीर के मेटाबोलिज्म को मजबूत करता है। इसका सेवन डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभदायक है। गडेरी की सब्जी खाने से दिल से संबंधित बीमारियां और ब्लड प्रेशर की दिक्कत कम होती है। तो देखा आपने, आम सी दिखने वाली ये सब्जी कितनी फायदेमंद है, ठंड के मौसम में गडेरी की सब्जी को अपने खाने का हिस्सा बनाएं और स्वस्थ रहें।