उत्तरकाशी: साल 2015 में हुई दरोगा भर्ती परीक्षा में ओएमआर शीट के जरिए धांधली हुई थी। बीते दिनों घपला कर नियुक्ति पाने वाले 20 दरोगाओं के खिलाफ कार्रवाई की गई।
Uttarakhand daroga bharti Scam
विजिलेंस सभी अभ्यर्थियों की कुंडली खंगाल रही है और जल्द ही कुछ और दरोगाओं के खिलाफ भी निलंबन की कार्रवाई हो सकती है। दरोगा भर्ती घपले में हर दिन नई जानकारी सामने आ रही है। इनमें से कई तो टॉपर लिस्ट में भी शामिल थे, कई ऐसे भी थे जो ठेकेदारी कर रहे थे और पैसा देकर दरोगा बन गए। भर्ती घोटाले की जांच कर रही विजिलेंस ने संदिग्ध दरोगाओं से जुड़ी हर डिटेल की पड़ताल की है। जिसमें जन्मस्थल से लेकर उनके स्कूल और आचरण तक की जानकारी जुटाई गई। दरोगा भर्ती से पहले संदिग्ध दरोगा के परिजनों के खाते में कितनी धनराशि थी और भर्ती के बाद खातों में कितना बैलेंस था, ये भी पता लगाया गया। विजिलेंस को शक था कि जो अभ्यर्थी रुपयों का इंतजाम नहीं कर सके होंगे, उन्होंने जमीन या मकान बेचकर रकम जुटाई होगी, इसलिए जमीनों तक की जानकारी जुटाई गई। आगे पढ़िए
ये भी पढ़ें:
Daroga bharti Scam mastermind Hakam Singh Rawat
नकल माफिया हाकम सिंह की गिरफ्तारी के बाद पता चला था कि दरोगा भर्ती में उत्तरकाशी के कई युवा सफल रहे, इनमें से कुछ की हाकम सिंह के साथ खूब नजदीकियां थीं। भर्ती पर सवाल उठने के बाद गोपनीय जांच की गई तो पता चला कि 15 प्रतिशत दरोगा ऐसे हैं, जो केस डायरी तक लिखना नहीं जानते। इनमें से कई तो ऐसे हैं जिन्होंने रिटायर दरोगा को अपने साथ रखा हुआ था, ताकि केस आने पर वो उनकी मदद कर सके। इतना ही नहीं अधिकतर दरोगा अपने साथियों और जूनियरों को लालच देकर उनसे केस डायरी लिखवाते थे। निलंबित किए गए ज्यादातर दरोगाओं के पास चौकी इंचार्ज की जिम्मेदारी थी। दरोगा भर्ती में कुछ विभागीय अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है, उधर निलंबन से बौखलाए संदिग्ध दरोगा भी कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। इन्होंने जांच के दौरान ही खुद को फंसता देख कोर्ट जाने का फैसला कर लिया था। बता दें कि दरोगा भर्ती मामले में पिछले साल अक्टूबर में केस दर्ज हुआ था। विजिलेंस ने करीब तीन महीने तक खाक छानी, अब 20 दरोगाओं के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई हुई है।