उत्तराखंड चम्पावतChampwat Revati Fight With Tiger

उत्तराखंड: रेवती के हौसले के आगे हार गया बाघ, हाथ में दरांती लेकर आदमखोर को मार भगाया

रेवती की हिम्मत के आगे बाघ की हिम्मत जवाब दे गई। आप जरा सोचिए कि अगर आपके सामने कोई बाघ आ जाए तो आप क्या करेंगे?

Independence day 2024 Uttarakhand
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Image: Champwat Revati Fight With Tiger (Source: Social Media)

चम्पावत: पहाड़ पर लोग कुछ सीखें या न सीखें मगर हिम्मत और हौसला जरूर सीख जाते हैं।

Champwat Revati Fight With Tiger

पहाड़ों के कठोर जीवन के बीच लोग हर तरह की मुसीबतों का सामना करने के लिए सक्षम बन जाते हैं और उसके बाद उनके सामने कोई भी मुसीबत आए वह उसका डटकर मुकाबला करते हैं। अब चाहे वह मुसीबत प्रकृति के कहर के रूप में आए या फिर जंगली जानवरों के रूप में। अब चंपावत की रेवती का ही उदाहरण ले लीजिए। रेवती की हिम्मत के आगे बाघ की हिम्मत जवाब दे गई। आप जरा सोचिए कि अगर आपके सामने कोई बाघ आ जाए तो आप क्या करेंगे? यह सोचना मात्र भी हमारे रोम-रोम को खौफ से भर देगा, मगर चंपावत के रिश्ते के सामने वाकई में एक खूंखार जंगली बाघ आ गया। मगर चंपावत की 35 साल की रेवती डरी नहीं। रेवती ने हमला कर रहे बाघ को न सिर्फ भगाया बल्कि सुरक्षित घर भी पहुंची। उसने एक दरांति की सहायता से बाघ को हरा दिया और बाघ जंगल में वापस भाग गया। दूसरे दिन इलाज कराने के लिए अस्पताल भी गईं।

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बाघ ने उनके एक हाथ में तीन नाखून गड़ाए हैं। इस पूरी घटना के बाद से गांव में दहशत का माहौल है मगर हर कोई रेवती की हिम्मत की तारीफ कर रहा है और वन विभाग के ऊपर तमाम सवाल उठा रहे हैं। पहले आपको पूरी घटना की संक्षिप्त से जानकारी देते हैं।हाल ही में सूखीढांग धूरा के सेतीचौड़ निवासी हीरा सिंह बोहरा की पत्नी रेवती पशुओं के लिए चारा लेने के लिए मंगलवार की दोपहर चंपावत वन प्रभाग के धूरा से लगे जंगल में अकेले गई थीं। वहां बाघ ने उन पर अचानक हमला कर दिया। बचाव में उसने दरांती मार दी और बाघ को भगा दिया। हमले के बाद वह किसी तरह घायल अवस्था में घर खुद सुरक्षित घर लौटी, और परिजनों को घटना के बारे में बताया। बुधवार को रेवती इलाज कराने के लिए पति के साथ उप जिला अस्पताल पहुंची जहां चिकित्सकों ने उपचार कर उनको घर भेज दिया है।