उत्तराखंड पिथौरागढ़Inspirational Story of Pithoragarh Babita Samant

पिथौरागढ़ की बबीता की प्रेरक कहानी: कड़ी मेहनत से किया नेवी में तैनात पति का सपना साकार

पिथौरागढ़ की बबीता ने किया नेवी में तैनात पति का सपना साकार, बंजर पड़ी जमीन को दिया नया जीवन, गुलाब की खुशबू से महक उठा गांव-

Pithoragarh babita : Inspirational Story of Pithoragarh Babita Samant
Image: Inspirational Story of Pithoragarh Babita Samant (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में कनालीछीना ब्लॉक के पसामा गांव की बबीता सामंत ने यह साबित कर दिया है कि मेहनत करने वाले जीवन में कभी असफल नहीं हो सकते।

Story of Pithoragarh Babita Samant

उन्होंने अपने जुनून से बंजर खेतों को गुलाब की खुशबू से महका दिया है। दो साल की कड़ी मेहनत के बाद आज बंजर खेत गुलाब के पौधों से गुलजार हो गए हैं। बबीता सामंत के पति मर्चेंट नेवी में तैनात कैप्टन महेंद्र सामंत यह चाहते थे कि उनके बंजर पड़े खेतों में भी हरियाली हो और वह वापस से हरे भरे हो जाएं। जब उन्होंने अपने अच्छा अपनी पत्नी बबीता को बताई तो बबीता ने अपने पति की इच्छा पूरी करने का फैसला लिया और 2 साल तक पसीना बहाया। बबीता ने अपने चचेरे भाई कमलेश के सहयोग से खेतों को आबाद किया और अदरक लगाया।अदरक से 50 हजार की कमाई हुई। इसके बाद सीढ़ीनुमा खेतों में गुलाब की खेती का विचार आया।

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हालांकि गुलाब उगाने में काफी समस्या आई मगर 2 साल की कठोर मेहनत के बाद आखिरकार उनके खेतों में उगे गुलाब सभी का मन मोह रहे हैं। यह गुलाब न केवल गांव को अपने सुगंधित खुशबू से महका रहे हैं बल्कि स्वरोजगार के भी अवसर प्रदान कर रहे हैं और बबीता घर बैठे बैठे रोजगार प्राप्त कर रही हैं। हर्बल प्रोडक्ट का क्रेज़ इन दोनों लोगों के बीच में काफी बढ़ गया है और लोग वापस से प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल ज्यादा करना चाहते हैं और यही वजह है कि शुद्ध गुलाब से बने गुलाब जल और गुलाब के तेल के डिमांड मार्केट में खूब बढ़ रही है।यह गुलाब की पंखुडियां 1500 से 1800 रुपये किलो तक बिकती हैं। इसके तेल का समर्थन मूल्य प्रति किलो साढ़े पांच लाख रुपये तक है। ऐसे में बबिता सामंत इन गुलाबों से रोजगार प्राप्त कर अन्य लोगों को भी स्वरोजगार अपनाने के लिए प्रेरणा दे रही हैं।