उत्तराखंड देहरादूनUttarakhand Girls Crack UPSC Exam Result 2023

उत्तराखंड की इन बेटियों ने UPSC परीक्षा में लहराया परचम, जानिए इनकी सफलतता की कहानी

रुद्रपुर में रहने वाली गरिमा पहले ही प्रयास में आईएएस की परीक्षा में सफल रहीं। उन्होंने 39वीं रैंक हासिल की है।

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Image: Uttarakhand Girls Crack UPSC Exam Result 2023 (Source: Social Media)

देहरादून: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सिविल सेवा-2022 परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है। इस बार शीर्ष पदों पर उत्तराखंड की कई होनहार बेटियों ने दबदबा कायम रखा है।

Uttarakhand Girls Crack UPSC Exam Result

रुद्रपुर में रहने वाली गरिमा पहले ही प्रयास में आईएएस की परीक्षा में सफल रहीं। उन्होंने 39वीं रैंक हासिल की। गरिमा के पिता बिपिन नरूला एक पैथोलॉजी लैब में प्रबंधक हैं व माता शारदा नरूला गृहणी हैं। गरिमा ने वर्ष 2017 में सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा में ऊधमसिंहनगर जिला टॉप भी किया था। अल्मोड़ा की दो होनहार बेटियां भी सीएसई परीक्षा पास कर अफसर बनी हैं। अल्मोड़ा के दन्या की रहने वाली दीक्षिता जोशी ने UPSC CSE परीक्षा में 58वीं रैंक हासिल कर आईएएस अधिकारी बनने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। दीक्षिता ने विद्यालयी शिक्षा अल्मोड़ा और हल्द्वानी में ली। रानीखेत के खलना गांव की रहने वाली मीनाक्षी आर्य पुत्री दीवान राम ने भी 444 वीं रैंक के साथ UPSC परीक्षा पास की है। मीनाक्षी के पिता भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हैं। माता गृहणी है। मीनाक्षी ने इंटर की पढ़ाई जवाहरलाल नवोदय विद्यालय सुयालबाड़ी, नैनीताल से व बीटेक एनआईटी पौड़ी गढ़वाल से किया। बागेश्वर की रहने वाली कल्पना पांडे 102वीं रैंक हासिल करने में सफल रहीं। आईएएस अफसर बनने के लिए कल्पना पिछले कई साल से मेहनत कर रही थीं। उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में 102वीं रैंक लाकर प्रदेश का मान बढ़ाया है। कल्पना के पिता गरूड़ में दुकान चलाते हैं और माता एएनएम हैं। कल्पना की एक बहन डॉक्टर और एक इंजीनियर है। आगे पढ़िए

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रुद्रप्रयाग की बेटी कंचन डिमरी ने भी सिविल सेवा परीक्षा-2022 में सफलता हासिल की है। कंचन के पिता देवी प्रसाद डिमरी बीते कई वर्षो से दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में सामान्य नौकरी करते हैं। घर में संसाधनों का अभाव रहा, लेकिन कल्पना मेहनत करती रहीं। उन्होंने कठिन परिश्रम करते हुए सिविल सेवा परीक्षा में सफलता पाई है। इन बेटियों के अलावा दून निवासी मुकुल जमलोकी ने भी सिविल सेवा परीक्षा में 161वीं रैंक हासिल की है। वर्तमान में वे सीएजी कार्यालय कोलकाता में डिप्टी अकाउंटेंट जनरल के पद पर कार्यरत हैं। पिथौरागढ़ के रहने वाले हिमांशु सामंत परीक्षा में 348वीं रैंक हासिल करने में सफल रहे। जबकि मसूरी निवासी माधव भारद्वाज ने सिविल सेवा परीक्षा में 536वीं रैंक हासिल की है। वह वर्तमान में शामली में तहसीलदार के पद पर कार्यरत हैं।