उत्तराखंड देहरादूनUttarakhand Akash Rana and Mohit Kapri became army officers

Uttarakhand news: मेडल जीतकर आर्मी अफसर बने आकाश और मोहित, पिता और दादा भी रहे हैं फौजी

राज्य में ऐसे कई परिवार हैं, जो पिछली कई पीढ़ियों से देशसेवा में अपना योगदान देते आए हैं। आज हम आपको ऐसे ही युवाओं से मिलाने जा रहे हैं।

Uttarakhand akash mohit army officer : Uttarakhand Akash Rana and Mohit Kapri became army officers
Image: Uttarakhand Akash Rana and Mohit Kapri became army officers (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड देवभूमि ही नहीं वीरभूमि भी है। बदलते समय के साथ युवाओं के पास आज कई करियर ऑप्शन हैं, फिर भी उनमें गौरवशाली सैन्य परंपरा को लेकर जबरदस्त उत्साह दिखाई देता है।

Uttarakhand Akash and Mohit became army officers

राज्य में ऐसे कई परिवार हैं, जो पिछली कई पीढ़ियों से देशसेवा में अपना योगदान देते आए हैं। आर्मी कैडेट कॉलेज (एसीसी) विंग के दीक्षा समारोह में यह बात फिर एक बार देखने को मिली। समारोह में अवॉर्ड पाने वाले 4 भावी अफसरों में दो उत्तराखंड के निवासी हैं, जिनकी चौथी पीढ़ी फौज में है। इनमें हरबर्टपुर के आकाश राणा भी शामिल हैं। उनकी चार पीढ़ियां फौज में रही हैं। उनके परदादा गंगा सिंह राणा विश्व युद्ध का हिस्सा रहे। दादा ज्ञान सिंह और पिता हेमराज भी सेना से रिटायर हैं। आकाश भी सेना में अफसर बनना चाहते थे, लेकिन एनडीए और सीडीएस परीक्षा में सफल नहीं हो सके। इस बीच उन्होंने एमबीए किया और कड़ी मेहनत करते हुए साल 2018 में सेना का हिस्सा बन गए। सेना में रहकर ही उन्होंने अफसर बनने का सफर तय किया है। आकाश राणा को चीफ आफ आर्मी स्टाफ स्वर्ण पदक एवं कला वर्ग में कमांडेंट सिल्वर मेडल मिला है। आगे पढ़िए

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पिथौरागढ़ के मोहित कापड़ी भी अफसर बनेंगे। उनकी चार पीढ़ियां फौज में रही हैं। वे अपने परिवार के पहले ऑर्मी अफसर होंगे। मोहित के दादा भवानी नायब सूबेदार और परदादा कुलोमणि सेना से हवलदार पद से सेवानिवृत्त हुए। उनके पिता भी तीन पैरा में बतौर सूबेदार सेवाएं दे चुके हैं। मोहित कापड़ी को सर्विस ट्रेनिंग में कमांडेंट सिल्वर मेडल मिला है। यूपी के बागपत के सूर्य तिवारी परिवार के पहले सदस्य हैं, जो सेना में भर्ती हुए और अब अफसर बनने जा रहे हैं। उन्हें दो पदक मिले हैं। उन्हें चीफ आफ आर्मी स्टाफ रजत पदक और विज्ञान वर्ग में कमांडेंट सिल्वर मेडल मिला। इसी तरह आतंकवाद को करीब से देख चुके जम्मू-कश्मीर के राजौरी निवासी अजीत शर्मा भी सेना में अफसर के तौर पर शामिल होने जा रहे हैं। अजीत बताते हैं कि उनके गांव के कई लोग सेना में हैं, लेकिन उनके परिवार से कोई अफसर नहीं था। अजीत के पिता बाबूराम शर्मा फॉरेस्ट गार्ड हैं, मां चंपा देवी गृहणी है। अजीत ने चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कांस्य पदक हासिल किया है।