उत्तराखंड ऋषिकेशBig hurdle in the way of Rishikesh Karnprayag rail line

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की राह में बड़ी चुनौती, अब वक्त पर कैसे पूरा होगा काम?

Rishikesh Karnprayag Rail Line कोर्ट ने प्रदेश की नदियों में मशीनों की सहायता से खनन करने पर रोक लगाई हुई है। ऐसे में आरवीएनएल की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

Rishikesh Karnprayag Rail Line: Big hurdle in the way of Rishikesh Karnprayag rail line
Image: Big hurdle in the way of Rishikesh Karnprayag rail line (Source: Social Media)

ऋषिकेश: 'ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट। इस परियोजना को उत्तराखंड के विकास का आधार बताया जा रहा है।

Big hurdle in the way of Rishikesh Karnprayag rail line

यही वजह है कि प्रोजेक्ट का काम फुल स्पीड में चल रहा है, लेकिन इन दिनों जैसे हालात बने हुए हैं, उसे देख लगता नहीं कि प्रोजेक्ट का काम समय पर पूरा हो सकेगा। दरअसल परियोजना के काम के लिए आरवीएनएल के पास पर्याप्त मात्रा में खनन सामग्री उपलब्ध नहीं है। कोर्ट ने प्रदेश की नदियों में मशीनों की सहायता से खनन करने पर रोक लगाई हुई है। कुछ महीनों में आरवीएनएल को दो करोड़ मीट्रिक टन से ज्यादा अच्छी गुणवत्ता वाली खनन सामग्री की जरूरत होगी। ऐसे में निगम ने शासन से प्रोजेक्ट के आसपास के कुछ नदी क्षेत्रों में खनन की अनुमति मांगी है, ताकि प्रोजेक्ट का काम जारी रह सके। अगले चार महीनों में परियोजना के तहत सुरंग खोदने का काम पूरा होने की संभावना है। इसके बाद निगम प्रबंधन को भारी मात्रा में अच्छी गुणवत्ता की आरबीएम की जरूरत पड़ेगी, ताकि प्रोजेक्ट का काम समय पर पूरा हो सके।

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इस मामले में आरवीएनएल के मुख्य परियोजना प्रबंधक ने सचिव परिवहन अरविंद सिंह ह्यांकी को पत्र लिखकर प्रकरण में सहयोग की अपील की है। पत्र में आरवीएनल ने श्रीकोट में 470520 मीट्रिक टन, कीर्तिनगर में 60000 एमटी, मांगसू (कीर्तिनगर) में 90,000 एमटी, श्रीनगर में 58,938 एमटी, अलकनंदा नदी जनासू में 66000 एमटी, बागी नदी में 1,06,000 एमटी, गुलरनाला नरेंद्रनगर में 1,00000 एमटी, हैवल नदी में 77,000 एमटी, रायतोली गांव (रुद्रप्रयाग) में 27500 एमटी, रेवाड़ी गांव (पौड़ी) में 52,000 एमटी और माणी (कीर्तिनगर) में 1,20444 एमटी खनन की अनुमति मांगी है। सचिव परिवहन अरविंद सिंह ह्यांकी ने कहा कि आरवीएनएल की ओर से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के संबंध में पत्र प्राप्त हुआ है। इसे लेकर संबंधित विभागों के सचिवों को कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है। बता दें कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग परियोजना को 2024-25 तक बनाने का लक्ष्य है। लेकिन Rishikesh Karnprayag Rail Line परियोजना की राह में आ रही चुनौतियों के देखते हुए इसमें देरी होने की संभावना है। खनन सामग्री के अभाव में निर्माण कार्य में रुकावट आ सकती है।