उत्तराखंड देहरादूनUttarakhand Executive Engineer Dhirendra Kumar Vijay Kumar suspended

उत्तराखंड की धामी सरकार का सख्त एक्शन, दो वरिष्ठ अधिकारियों पर गिरी गाज

अधिशासी अभियंता धीरेंद्र कुमार और अधिशासी अभियंता विजय कुमार पर सड़क की मरम्मत संबंधी कार्यों में लापरवाही बरतने के आरोप लगे हैं।

Uttarakhand Executive Engineer Suspended: Uttarakhand Executive Engineer Dhirendra Kumar Vijay Kumar suspended
Image: Uttarakhand Executive Engineer Dhirendra Kumar Vijay Kumar suspended (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड के दो लापरवाह अफसरों पर गाज गिरी है। इन अधिकारियों पर सड़क संबंधी कार्यों मं लापरवाही बरतने का आरोप लगा है।

Two Executive Engineer Suspended in Uttarakhand

जिस पर उत्तराखंड शासन ने इन दोनों वरिष्ठ अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। सस्पेंड अधिकारियों में लोक निर्माण विभाग अस्थाई खंड के अधिशासी अभियंता धीरेंद्र कुमार और राष्ट्रीय राजमार्ग खंड के अधिशासी अभियंता विजय कुमार शामिल हैं। इन दोनों ही अफसरों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है। अधिशासी अभियंता धीरेंद्र कुमार हल्द्वानी में लोक निर्माण विभाग अस्थाई खंड के अधिशासी अभियंता के पद पर कार्यरत हैं। अधिशासी अभियंता धीरेंद्र कुमार और अधिशासी अभियंता विजय कुमार पर सड़क की मरम्मत, सड़क को चौड़ा करने और सड़क संबंधित कार्यों में लापरवाही बरतने के आरोप लगे हैं। इतना ही नहीं ये दोनों अधिकारी शासन द्वारा बुलाई गई बैठकों में भी शामिल नहीं हुए। आगे पढ़िए

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30 सितंबर को भवाली में उत्तराखंड उच्च न्यायालय की ओर से एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, इस कार्यक्रम में उच्चतम न्यायालय से लेकर उत्तराखंड उच्च न्यायालय के कई वरिष्ठ न्यायाधीशों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया था। अति विशिष्ट कार्यक्रम के दृष्टिगत सड़क के सुधारीकरण और गड्ढा मुक्त करने के काम में बरती गई लापरवाही को देखते हुए हल्द्वानी लोक निर्माण विभाग के अस्थाई खंड के अधिशासी अभियंता धीरेंद्र कुमार को निलंबित किया गया है, उनको क्षेत्रीय कार्यालय लोक निर्माण विभाग से संबद्ध कर दिया गया है। वहीं लोक निर्माण विभाग ऋषिकेश के अस्थाई खंड के अधिशासी अभियंता विजय कुमार को निलंबित कर देहरादून कार्यालय से संबद्ध किया गया है। विजय कुमार पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा स्वीकृत किए गए मार्ग को लेकर वित्तीय स्वीकृति के बावजूद भी कार्य में लापरवाही बरतने का आरोप है।