उत्तराखंड देहरादूनMushroom girl Divya Rawat arrested along with her brother

मशरूम गर्ल दिव्या रावत भाई समेत गिरफ्तार, पुणे के कारोबारी से लाखों की धोखाधड़ी का आरोप

पुणे निवासी कारोबारी ने दिव्या और उनके भाई पर लाखों की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है, आगे जानिए पूरा मामला

Mushroom girl divya rawat: Mushroom girl Divya Rawat arrested along with her brother
Image: Mushroom girl Divya Rawat arrested along with her brother (Source: Social Media)

देहरादून: मशरूम गर्ल के नाम से मशहूर दिव्या रावत की गिरफ्तारी हुई है। मामला धोखाधड़ी से जुड़ा है।

Mushroom Girl Divya Rawat Arrested

पुणे के एक कारोबारी ने पौंड थाने में मशरूम गर्ल दिव्या रावत और उसके भाई राजपाल रावत के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था। जिसके बाद पुणे पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पूरा मामला भी बताते हैं। पुणे निवासी जितेंद्र नंद किशोर भाखाड़ा ने शिकायत दर्ज कराई थी कि दिव्या ने उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे में बचाव के लिए उनसे रुपयों की मांग की। जितेंद्र नंदकिशोर की कंसलटेंसी फर्म है। जिसे वह घर से ही ऑनलाइन और फोन के माध्यम से चलाते हैं।
शिकायत में जितेंद्र ने बताया कि साल 2019 में वह उद्योग शुरू करना चाहते थे। इसी दौरान फेसबुक के माध्यम से उनका परिचय दिव्या रावत की बहन शकुंतला राय से हुआ, जिसने देहरादून में मशरूम उत्पादन के बारे में जानकारी दी। शकुंतला ने जनवरी 2019 में उन्हें देहरादून के मोथरोवाला में प्रशिक्षण के लिए बुलाया, जहां उनकी मुलाकात दिव्या से हुई। प्रशिक्षण के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिस कारण वह पुणे आ गए। आगे पढ़िए...

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दिसंबर 2019 में पीड़ित के पास दिव्या का फोन आया तो दिव्या ने कहा कि वह उसकी कंपनी सौम्या फूड्स प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ सकते हैं। दिव्या ने उन्हें दून बुलाया और पार्टनरशिप का ऑफर दिया।

Mushroom Girl Divya Rawat Arrested

प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले वो टीम के साथ गुजरात गए। इस दौरान टीम के सभी सदस्यों के वेतन, रहने-खाने और मशीनों को खरीदने का खर्च उन्होंने ही किया। पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 1.20 करोड़ का खर्च आया। इसमें से कुछ रुपये दिव्या ने उन्हें दिए, लेकिन बाद में बहाने से वापस भी ले लिए।
पीड़ित ने अपना पैसा वापस मांगा तो साल 2022 में दिव्या ने उनके खिलाफ 77 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करा दिया। दून पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। दिव्या ने मेरठ से बनवाए एक शपथ पत्र (एफिडेविट) के आधार पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, जो कि फर्जी था। बाद में पीड़ित ने दिव्या के खिलाफ पुणे में शिकायत दर्ज कराई तो दिव्या ने समझौते के लिए 32.5 लाख रुपये मांगे। पीड़ित ने 10 लाख रुपये का चेक लेने के लिए दिव्या को पुणे बुलाया, साथ ही पुलिस को भी सूचना दी। जिसके बाद पुणे पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।