उत्तराखंड Kamlesh pandey brave major of uttarakhand

उत्तराखंड का सपूत..बहन ने 3 दिन पहले राखी भेजी थी, वो देशसेवा में शहीद हो गया

15 अगस्त का दिन है और ऐसे में उत्तराखंड के उस वीर सपूत को भी याज कर लीजिए, जिसकी बहन ने राखी के ठीक 3 दिन पहले अपने भाई को राखी भेजी थी...लेकिन वो लौटकर नहीं आया

उत्तराखंड न्यूज: Kamlesh pandey brave major of uttarakhand
Image: Kamlesh pandey brave major of uttarakhand (Source: Social Media)

: 15 अगस्त का दिन हम आपके लिए यादगार बनाना चाहते हैं। हमारा मानना है कि आप 15 अगस्त और रक्षाबंधन के इस पावन पर्व पर उत्तराखंड के उन वीरों की कहानी पढ़ें , जिन्हें भी ये स्वतंत्रता दिवस और राखी का त्योहार मनाना था। लेकिन आपके प्राणों की रक्षा के लिए वो शहीद हो गए। मेजर कमलेश पांडे, कहीं ये नाम आप भूले तो नहीं ? और अगर भूल गए हैं तो एक बार फिर मेजर कमलेश की यादों को ताजा कर लीजिए। उत्तराखंड का ये लाल लाखों करोड़ों दिलों में अपनी अलग ही छाप छोड़ गया था। हिंदुस्तान की रक्षा के लिए अपनी जान देने वाले इस वीर पहाड़ी की विदाई भी यादगार रही थी। आज आपको गर्व करना चाहिए अपनी इन पहाड़ी वीरों पर, जो आपके लिए अपनी जान की बाजी लगाकर चले गए। आज आप खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं तो सिर्फ इनकी बदौलत। याद रखिए अगर आपका परिवार है, तो इनका भी परिवार था। त्योहार पर घर आना मेजर कमेलेश की ख्वाहिश थी।स्वतंत्रता दिवस के साथ साथ राखी के त्यौहार को शान से मनाना भी मेजर कमलेश की ख्वाहिश थी। लेकिन सारी ख्वाहिशें नापाक आंतकियों ने फना कर दी। 2017 में मेजर कमलेश की टीम को पता चल गया था कि आतंकी भारत में घुसकर कोई बड़ी वारदात करने जा रहे हैं। देशवासियों का 15 य्गस्त, रक्षाबंधन, जन्माष्टमी खुशी खुशी बीते, इसके लिए मेजर कमलेश पांडे ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। आपके हाथ में आज देश का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा शान से लहरा रहा है, लेकिन मेजर कमलेश तो अपना सब कुछ भूल गए और दुश्मनों से दो-दो हाथ लेने चल पड़े। मेजर कमलेश अपने पीछे दो साल की बच्ची को छोड़कर चले गए थे। इस मासूम सी बच्ची के लिए उसके पापा ही सब कुछ थे। आज आप अपने परिवार को खुश देखना चाहते हैं, और आपकी इस खुशी के लिए मेजर कमलेश दुनिया से विदा हो गए।

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2017 में 4 अगस्त 2017 का दिन बृहस्पतिवार सुबह साढ़े आठ बजे सेना के एक अधिकारी की कॉल ने पूरे परिवार को सदमे में डाल दिया। सैन्य अधिकारी ने बताया कि उनका बेटा शोपियां घाटी में देश के लिए शहीद हो गया है। जम्मू कश्मीर के शोपियां में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान उत्तराखंड के मेजर कमलेश शहीद हो गए थे। आर्मी हेडक्वार्टर ने इस खबर की पुष्टि की थी कि हल्द्वानी-ऊंचापुल निवासी मेजर कमलेश पांडे समेत दो सैनिक शहीद हो गए। जबकि एक सैनिक घायल हुआ है। मेजर कमलेश पाण्डेय 62 राष्ट्रीय रायफल में जम्मू कश्मीर में तैनात थे। मेजर कमलेश पांडे की शहादत पर पूरे हिंदुस्तान की आंखें नम हुई थी। उत्तराखंड ने देश को ना जाने कितने ऐसे वीर दिए हैं, जिन्होंने सीमा पर हंसते हंसते अपनी जान कुर्बान कर दी। राज्य समीक्षा का इस वीर जांबाज को सलाम।