उत्तराखंड उत्तरकाशीManglachu taal of uttarakhand

रहस्य: उत्तराखंड का मंगलाछु ताल..जहां ताली बजाने पर पानी में बुलबुले उठते हैं

आज हम आपको रहस्यों की धरती उत्तराखंड के एक ऐसे ताल के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां किनारे खड़े होकर ताली बजाने से बुलबुले उठते हैं।

Manglachu taal: Manglachu taal of uttarakhand
Image: Manglachu taal of uttarakhand (Source: Social Media)

उत्तरकाशी: उत्तराखंड की धरती इतने रहस्यों से भरी पड़ी है कि कई बार तो वैज्ञानिकों के शोध भी यहां नाकाम हो जाते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ताल के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां ताली बजाने पर पानी से बुलबुले उठने लगते हैं। उत्तरकाशी में गंगोत्री के शीतकालीन पड़ाव मुखवा गांव से 6 किलोमीटर दूरी पर स्थित है मंगलाछु ताल। ये तालाब आज भी सभी के लिए रहस्य और रोमांच का केंद्र है। समुद्रतल से 3650 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस ताल का रास्ता मुखवा गांव से होकर जाता है। 6 किलोमीटर का ये ट्रैक फूलों से सजी खूबसूरत घाटी से होकर गुजरता है। 200 मीटर के दायरे में फैला मंगलाछु ताल को लेकर कई मान्यताएं हैं। आइए इस बारे में आपको बताते हैं।

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इस ताल की सबसे बड़ी खूबी ये है कि यहां किनारे खड़े होकर अगर आप ताली बजाएंगे, तो पानी से बुलबुले उठने शुरू हो जाते हैं। इसके पीछे वजह क्या है, इसका अभी तक पता नहीं चला है। इस खूबसूरत ताल को सोमेश्वर देवता का ताल कहा जाता है। जब स्थानीय लोग हिमाचल प्रदेश के कुल्लू से सोमेश्वर देवता को मंगलाछु लाए थे तो उसी दौरान उनकी डोली का स्नान इस ताल में कराया गया था। मान्यता ये भी है कि बारिश ना होने पर स्थानीय लोग इस ताल में आकर पूजा अर्चना करते हैं। एक रिसर्च ये भी कहती है कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में कुछ स्थान ऐसे हैं, जहां जमीन के अंदर का पानी बारीक छेदों के जरिए बाहर आ जाता है। जब आसपास के वातावरण में हलचल या शोर होता है तो हवा के जरिए पानी पर दबाव बढ़ता है और बुलबुलों के जरिए पानी बाहर आता है।

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जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 80 किमी की दूरी पर मुखवा गांव पड़ता है। ये गांव गंगा का शीतकालीन पड़ाव भी है। इसी गांव से मंगलाछु ताल का रास्ता जाता है। ट्रैक में नागणी पड़ाव आता है। ये जगह बेहद ही खूबसूरत बुग्याल के बीच बसी है। कहा जाता है कि आजादी से पहले यहां पर भारत-तिब्बत का व्यापार मेला लगता था। नागणी से दो किमी की दूरी पर है फैला मंगलाछु ताल है। कुल मिलाकर कहें तो उत्तराखंड वास्तव में रहस्यों की धरती है और इन रहस्यों में एक रहस्य मंगलाछु ताल भी है।