देहरादून: ये देश हमें शहीदों की कुर्बानियों की बदौलत मिला है और सरहद पर खड़े जवान की वजह से ही हम सुरक्षित हैं...उत्तराखंड का बच्चा-बच्चा इन पंक्तियों से इत्तेफाक रखता है। इसीलिए जब बात देश की आती है तो यहां के जवान जान देने तक से पीछे नहीं हटते। उत्तराखंड गौरवशाली सैन्य परंपरा वाला प्रदेश है और ये हमारे लिए बहुत गर्व की बात है कि आईएमए से सेना को मिला हर 12वां अधिकारी हमारे उत्तराखंड से है। आईएमए से पासआउट होने वाला हर 12वां अधिकारी हमारे पहाड़ से है, हमारी जमीन से है। यहां के वीरों की देशभक्ति के किस्से देश-दुनिया में फैले हैं। कहने को उत्तराखंड छोटा प्रदेश है, पर जब बात देशसेवा की हो तो यहां के जवान हमेशा आगे खड़े नजर आते हैं। सेना को अफसर देने की बात हो या फिर जवान, जिस जमीन पर हम हैं वो वीरों की जन्मभूमि है। आगे IMA के आंकड़े देखिए और गर्व कीजिए
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ये बात आप इस तरह समझ सकते हैं कि भारतीय सेना का हर पांचवा जवान इसी उत्तराखंड में जन्मा है, जहां सेना में जाना युवाओं के लिए सपना नहीं, बल्कि उनका धर्म होता है। उत्तराखंड की इसी गौरवशाली परंपरा के दर्शन हुए आईएमए में आयोजित एसीसी की ग्रेजुएशन सेरेमनी में, जहां सैन्य अफसर बनने की तैयारी कर रहे युवाओं में 6 फीसद से ज्यादा कैडेट्स उत्तराखंड से हैं। हमारे प्रदेश की आबादी देश की कुल आबादी का महज 0.84 परसेंट है, लेकिन सेना को अफसर और जवान देने के मामले में उत्तराखंड हमेशा से आगे रहा है। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश समेत दूसरे राज्यों का प्रतिनिधित्व भी बढ़ा है। आज युवाओं के पास करियर के तमाम ऑप्शन है, लेकिन सेना की वर्दी पहनना हर युवा का ख्वाब होता है। वास्तव में उत्तराखंड के उन युवाओं पर भी हमें गर्व है, जिन्होंने देश सेवा का रास्ता ही सबसे पहले चुना है।
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एसीसी के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए कैडेट्स में भी देश पर मर मिटने का जज्बा साफ दिखा। इन कैडेट्स की कहानियां आपको जीवन में हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देगी। आपको बताते चलें कि इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आईएमए) स्थित आर्मी कैडेट कॉलेज (एसीसी) की 113 वीं ग्रेजुएशन सेरेमनी में 65 कैडेट्स को जेएनयू की ग्रेजुएशन की डिग्री दी गई। इंडियन आर्मी में बतौर सिपाही भर्ती हुए 65 कैडेट्स ने ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। अब आईएमए में एक साल अफसर की ट्रेनिंग लेने के बाद ये अगले साल होने वाली पीओपी में शामिल होंगे। एसीसी में 3 साल की पढ़ाई और ट्रेनिंग के बाद कैडेट्स आईएमए की मेनस्ट्रीम से जुड़ गए हैं। डिग्री हासिल करने वालों में 29 साइंस और 36 कैडेट आर्ट स्ट्रीम के हैं। सभी नौजवानों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं।