उत्तराखंड देहरादूनSOLAR PLANT IN UTTARAKHAND VILLAGE

सौर ऊर्जा से चमकेंगे देवभूमि के गांव..बिजली बेचकर ग्रामीण भी उठा सकते हैं फायदा

सब कुछ ठीक रहा तो पहाड़ के गांव जल्द ही सौर ऊर्जा से जगमगाने लगेंगे। उरेडा पहाड़ के गांवों में सोलर पावर प्लांट लगाने जा रहा है...जानिए पूरी खबर

उत्तराखंड: SOLAR PLANT IN UTTARAKHAND VILLAGE
Image: SOLAR PLANT IN UTTARAKHAND VILLAGE (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड को ऊर्जा प्रदेश कहा जाता है, पर सच ये है कि अब भी यहां सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को लेकर लोगों में जागरुकता का अभाव है। UREDA अब उत्तराखंड के गांवों को सौर ऊर्जा से जोड़ने जा रहा है। ये कोशिशें रंग लाईं तो पहाड़ के लोग अपने खेतों में सोलर प्लांट लगाकर बिजली के साथ ही रोजगार के मौके पैदा कर सकेंगे। इससे ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी, साथ ही गांव भी सौर ऊर्जा से जगमगाने लगेंगे। इस वक्त पहाड़ में पलायन एक बड़ी समस्या है। यहां सोलर एनर्जी इनकम का अच्छा साधन साबित हो सकती है। यही वजह है कि उरेडा ने गांवों को इस महत्वाकांक्षी योजना से जोड़ने का काम शुरू कर दिया है। इस योजना के तहत ग्रामीण खेतों में सोलर ऊर्जा प्लांट लगाएंगे। जो बिजली पैदा होगी उसे यूपीसीएल बाजार दर पर खरीदेगा..यानी ग्रामीण चाहें तो वो बिजली बेच भी सकते हैं। हाल ही में उरेडा ने इसके लिए ग्रामीणों से आवेदन मांगे थे।

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ग्रामीणों ने भी योजना का हिस्सा बनने में रुचि दिखाई और 237 लोगों ने योजना के लिए आवेदन किया। इनकी कुल बिजली उत्पादन क्षमता 177 मेगावाट है। जल्द ही उरेडा तकनीकी परीक्षण करेगा। 15 जुलाई तक परीक्षण का काम पूरा कर लिया जाएगा। उरेडा को उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़ और दूसरे जिलों से आवेदन मिले हैं। एक हफ्ते के भीतर परीक्षण का काम शुरू हो जाएगा। जो आवेदन सही पाए जाएंगे, उन्हें पावर प्लांट लगाने की अनुमति दी जाएगी। चलिए अब आपको बताते हैं कि उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण यानि उरेडा की सोलर पावर प्लांट स्कीम है क्या, और ये किस तरह लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। इस स्कीम के तहत कम से कम 100 किलोवाट और अधिकतम 5 मेगावाट का प्लांट लगाया जा सकता है। आगे पढ़िए

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योजना में 200 मेगावाट सोलर ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। जिन ग्रामीणों का आवेदन स्वीकृत होगा, वो अपने खेतों में पावर प्लांट लगा सकते हैं। जो बिजली पैदा होगी उसे यूपीसीएल बाजार की दर से खरीदेगा। इसके लिए प्लांट लगाने वाले और यूपीसीएल के बीच पावर पर्चेज एग्रीमेंट होगा, जो कि 25 साल के लिए वैलिड रहेगा। पॉवर प्लांट पर कितनी लागत आएगी। ये भी जान लें। 100 केवी का सोलर प्लांट लगाने पर करीब 40 लाख और अधिकतम पांच मेगावाट का प्लांट लगाने पर 4 करोड़ रुपये की लागत आएगी। ये रकम ज्यादा है पर आवेदक को एमएसई के तहत 30 फीसद अनुदान दिया जाएगा। उरेडा की ये योजना पहाड़ों के लिए फायदेमंद साबित होगी। इससे ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही गांवों में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।