देहरादून: हम आए दिन अखबारों में आतंकी हमलों की खबरें पढ़ते हैं, टीवी पर खबरें देखते हैं, उस वक्त बुरा लगता है। गुस्सा भी आता है, लेकिन कुछ दिनों बाद लोग इन्हें भूल भी जाया करते थे। पर देहरादून के एक युवा के लिए इसे भूल पाना आसान नहीं था। मुंबई हमले ने इस युवा को इस कदर झकझोरा कि उसने आतंकियों को सबक सिखाने के लिए भारतीय सिविल सेवा ज्वाइन करने की ठान ली। इस युवा का नाम है नितिन लोहानी, जो कि देहरादून के रहने वाले हैं। पीसीएस की परीक्षा पास करने वाले नितिन का सेलेक्शन डीएसपी के तौर पर हुआ है। नितिन दिल्ली में सिविल सेवा की तैयारी करने वाले युवाओं को ट्रेनिंग दे रहे हैं। हाल ही में वो एक बेटी के पिता बने हैं। नितिन ने दूसरे प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली। नितिन ने बताया कि वो दो बार पहले भी सिविल सेवा के इंटरव्यू राउंड तक पहुंचे थे। पर सफल नहीं हो सके। इस बार उन्होंने तय कर लिया था कि पास नहीं हुए, तो दोबारा एग्जॉम नहीं देंगे और देहरादून में ही एक कोचिंग सेंटर खोलकर युवाओं को सिविल सेवा की तैयारी कराएंगे। आखिर कैसे नितिन की जिंदगी बदली ? ये भी जानिए और आगे पढ़िए
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नितिन कहते हैं कि मुंबई हमले में शहीद हुए पुलिस अधिकारी अशोक कामटे से प्रेरणा लेकर उन्होंने पुलिस सेवा में जाने का मन बनाया। 7 साल तक लगातार पढ़ाई की। और आखिरकार सफलता पा ली। नितिन की प्राइमरी एजुकेशन दून इंटरनेशनल स्कूल से हुई। उसके बाद उन्होंने रुड़की से इंजीनियरिंग की। कई एमएनसी में काम भी किया, पर इससे उन्हें खुशी नहीं मिली। मुंबई हमले के बाद उन्होंने इंडियन सिविल सर्विसेज में जाने का मन बना लिया था। अपनी सफलता का श्रेय वो अपनी नन्ही बिटिया आरिया को देते हैं। नितिन की मां अब दुनिया में नहीं हैं, नितिन कहते हैं कि बेटी आरिया के रूप में उनकी मां एक बार फिर उनकी जिंदगी में आ गई है। उनकी पत्नी भारती तिवारी लोहानी दिल्ली में जॉब करती हैं। नितिन ने साबित कर दिया कि अगर ठान लिया जाए तो नामुमकिन कुछ भी नहीं। राज्य समीक्षा टीम की तरफ से उन्हें ढेरों बधाई।