देहरादून: मौसम विभाग की भविष्यवाणी सच साबित हो रही है। उत्तराखंड में बारिश नहीं, बारिश की शक्ल में आफत बरस रही है। क्या टिहरी, क्या देहरादून, कोई जिला ऐसा नहीं जहां बारिश ना हो रही हो। मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है। नदियां-गदेरे पानी से लबालब हैं। मौसम विभाग की मानें तो फिलहाल बारिश से राहत नहीं मिलने वाली। आने वाले कुछ दिनों में मुश्किलें और बढ़ेंगी। प्रदेश के 7 जिलों के लिए आने वाले 3 दिन मुश्किल भरे साबित होंगे। चार दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग के बुलेटिन की मानें तो 9 जुलाई से प्रदेश के ज्यादातर जिलों में भारी बारिश होगी। ऐसे में लोग सतर्क रहें। प्रशासन को भी अलर्ट कर दिया गया है, जिलाधिकारी भी सतर्क हैं। मौसम पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। जिन 7 जिलों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी हुआ है, वो कौन-कौन से हैं ये भी जान लें। आने वाले चार दिनों में देहरादून, चंपावत, नैनीताल, पिथौरागढ़, टिहरी, पौड़ी और चमोली में भारी बारिश होगी। दूसरे क्षेत्रों में बादल छाए रहेंगे। जब से मानसून ने उत्तराखंड में दस्तक दी है, तब से मौसम विभाग लगातार भारी बारिश की चेतावनी दे रहा है। राज्य आपदा परिचालन केंद्र भी सतर्क है। सभी जिलाधिकारियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
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दक्षिण-पश्चिम मानसून राज्य के ज्यादातर इलाकों में पहुंच चुका है। सक्रिय मानसून के चलते अधिकांश इलाकों में अच्छी बारिश होने का अनुमान है। 12 जुलाई तक बारिश का दौर यूं ही जारी रहेगा। बारिश की वजह से पहाड़ी इलाकों में नदियां उफान पर हैं। कई जगह मलबा सड़क पर जमा होने की वजह से रास्ते बंद हो गए हैं। चंपावत में नेशनल हाईवे 09 बंद हो गया है। यहां सड़क पर मलबा और पत्थर जमा हैं। रास्ते पर गाड़ियों की आवाजाही बंद है। पुलिस ने ट्रैफिक रूट डायवर्ट कर दिया है। देवाल-खाता रोड भी बारिश की वजह से बंद है। ये रास्ता 15 से ज्यादा गांवों को एक-दूसरे से जोड़ता है। इसके बंद होने से गांवों का एक-दूसरे से संपर्क टूट गया है। यही हाल मसूरी-टिहरी बाईपास का भी है। यहां लक्ष्मणपुरी के पास सोमवार को भूस्खलन होने की वजह से रास्ता बंद हो गया। यहां सड़क से मलबा हटा दिया गया है, पर सड़क किनारे अब भी मलबा जमा है, जिस वजह से लोग परेशान हैं। पर्यटकों को उच्च हिमालयी क्षेत्रों में जाने से रोकने के निर्देश दिए गए हैं। आप भी पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा करते वक्त सतर्क रहें।